स्वतंत्रता दिवस से पहले NIA ने दिल्ली से गिरफ्तार किया 'IS का सक्रिय सदस्य'
क्या है खबर?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कथित तौर पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) मॉड्यूल की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है।
एजेंसी ने बताया कि शनिवार को नई दिल्ली के बाटला हाउस में जांच के बाद यह गिरफ्तारी हुई है।
आरोपी की पहचान पटना के रहने वाले मोहसिन अहमद के तौर पर हुई है। अहमद पर भारत और विदेशों से IS के समर्थकों से पैसा जुटाने का आरोप है।
आरोप
सीरिया और दूसरे देशों में पैसे भेजता था आरोपी- NIA
NIA ने बताया कि आरोपी इकट्ठे किए गए फंड को IS की गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिए सीरिया और दूसरे देश भेजता था। एजेंसी ने स्वत: संज्ञान लेकर 25 जून को यह मामला दर्ज किया था।
इससे पहले इसी सप्ताह कर्नाटक से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके कथित तौर पर IS हैंडलर्स से संबंध थे। पिछले रविवार को NIA ने देशभर में छापेमारी की थी, जिसके तहत कर्नाटक में भी तलाशी अभियान चलाया गया।
जानकारी
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अलर्ट हैं एजेंसियां
NIA ने बीते रविवार को उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल इलाके और तुमकुरू जिले के दो स्थानों पर छापेमारी की थी। गिरफ्तार हुए आरोपियों में महाराष्ट्र निवासी एक युवक साजिद मकरानी भी है, जो कॉलेज का छात्र है।
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं और सभी महत्वपूर्ण और संवेनदशील स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है।
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बिहार में हुआ था आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश
पिछले महीने बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मॉड्यूल के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ संबंध बताए जा रहे हैं।
फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने बताया कि आरोपियों के पास से 'इंडिया विजन 2047' नामक आठ पन्नों का दस्तावेज मिला है, जिसमें 'कायर बहुसंख्यक समुदाय को गुलाम बनाने और पुराना गौरव वापस प्राप्त करने' की बात लिखी गई है।
जानकारी
दस्तावेज में लिखी हैं आपत्तिजनक बातें- पुलिस
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के पास से मिला दस्तावेज बहुत आपत्तिजनक है और इसमें 'भारत में इस्लाम के राज' की बातें लिखी हुई हैं।
कुमार ने दावा किया कि एक दस्तावेज में लिखा है, 'PFI को भरोसा है कि अगर 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी पीछे आ जाती है तो PFI कायर बहुसंख्यक समुदाय को गुलाम बनाकर गौरव वापस ले आएगा। इसमें मित्र इस्लामिक देशों से मदद मांगने की बात भी कही गई है।'