अमेरिका ने लगाई 'वंदे भारत' अभियान के तहत चल रहीं भारत की विशेष उड़ानों पर रोक
क्या है खबर?
सोमवार को अमेरिका ने भारत की विशेष उड़ानों पर रोक लगाते हुए उन्हें अमेरिका में प्रवेश देने से इनकार कर दिया। ये आदेश 30 जून से लागू होगा।
अमेरिका का कहना है कि भारत ने दोनों देशों के बीच हुए एक विमानन समझौते को तोड़ते हुए अनुचित और भेदभावपूर्ण कदम उठाए हैं और इसी कारण उसके विशेष उड़ानों पर रोक लगाई जा रही है।
पूरा मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
पृष्ठभूमि
वंदे भारत अभियान के तहत अपने नागरिकों को वापस ला रहा था भारत
कोरोना वायरस संकट के कारण विदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस हमवतन लाने के लिए भारत 'वंदे भारत' अभियान चला रहा है। इसी के तहत एयर इंडिया की विशेष उड़ानों के जरिए अमेरिका से भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा रहा था।
अब अमेरिका ने इन विशेष उड़ानों पर रोक लगा दी है। अमेरिकी परिवहन विभाग (DOT) ने आरोप लगाया कि एयर इंडिया अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अलावा जनता को भी टिकट बेच रही है।
बयान
अमेरिका के लिए घाटे की स्थिति- DOT
DOT ने अपने बयान में कहा कि जहां एक तरफ भारत अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहा था और आम जनता को टिकट बेच रहा था, वहीं दूसरी तरफ भारत ने अमेरिकी एयरलाइंस के भारत जाने पर रोक लगाई हुई है। उसने कहा कि इस स्थिति से अमेरिकी एयरलाइंस को नुकसान होता है।
एजेंसी के अनुसार, एयर इंडिया कोरोना वायरस संकट से पहले के दौर के मुकाबले अभी आधे से अधिक उड़ानें संचालित कर रही है।
बयान
अमेरिकी उड़ानों से प्रतिबंध हटने के होगा रोक पर विचार
DOT के अनुसार, एयर इंडिया के विशेष उड़ानें नागरिकों को बाहर निकालने के लिए जरूरी उड़ानों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं और हो सकता है कि भारत इनके जरिए पाबंदियों को धोखा दे रहा हो।
बयान में कहा गया है कि भारत में अमेरिका उड़ानों पर लगी पाबंदी हटने के बाद भारत की इन विशेष उड़ानों पर लगी रोक को हटाया जाएगा। भारतीय एयरलाइंस को विशेष उड़ानों के संचालन से पहले DOT की मंजूरी लेनी होगी।
अन्य पाबंदी
चीन की उड़ानों पर भी लगाया था अमेरिका ने पाबंदी
बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने चीनी एयरलाइंस के विमानों के अमेरिका में प्रवेश पर भी पाबंदी लगाई थी। इसके लिए भी DOT ने चीन पर अनुचित तरीके से अमेरिकी एयरलाइंस की उड़ानों को बंद करने का आरोप लगाया था।
चीन के कुछ अमेरिकी उड़ानों को संचालन की मंजूरी देने के बाद अमेरिका ने 15 जून को ये पाबंदी हटा दी थी और चीनी एयरलाइंस को हफ्ते में चार उड़ानों के संचालन की मंजूरी दी थी।