इंडोनेशिया में कोरोना संक्रमण बेकाबू, वैज्ञानिकों ने नए वेरिएंट की आशंका को लेकर चेताया
क्या है खबर?
इंडोनेशिया में इन दिनों कोरोना संकट के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इंडोनेशिया में संक्रमण के दायरे और रफ्तार को देखते हुए यहां कोरोना के नए और अधिक संक्रामक स्ट्रेन के लिए एकदम अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के प्रसार के कारण इंडोनेशिया पिछले सप्ताह भारत को पीछे छोड़कर दुनियाभर में सबसे ज्यादा दैनिक मामले दर्ज करने वाले देश बन गया था।
विशेषज्ञों की राय
कहां होती है नए वेरिएंट सामने आने की संभावना?
ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस के वेरिएंट्स पर रिसर्च करने वाले महामारी विशेषज्ञ डिकी बडीमन ने अलजजीरा से कहा कि नए वेरिएंट्स हमेशा उन इलाकों में सामने आते हैं, जो संक्रमण को काबू नहीं कर पाते।
उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत से अधिक टेस्ट पॉजीटिविटी रेट पर माना जाता है कि संक्रमण बेकाबू है। इंडोनेशिया में अब यह 30 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। ऐसे में यहां नए वेरिएंट्स सामने आने का सबसे ज्यादा खतरा है।
बयान
"नए वेरिएंट की आशंका से इनकार नहीं"
संक्रामक बीमारियों का अध्ययन करने वाले एक सरकारी संगठन के निदेशक ने कहा कि अभी तक इंडोनेशिया में कोई नया वेरिएंट सामने नहीं आया है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। मामलों को देखते हुए नए वेरिएंट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
कोरोना वायरस
वायरस में बदलाव होना सामान्य बात- जानकार
जानकारों का कहना है कि वायरस का बदलना या नया वेरिएंट सामने आना आम बात है। हर हफ्ते वायरस में बदलाव होते हैं, लेकिन इससे उसके व्यवहार में बहुत परिवर्तन नहीं होता। कई बार कोई वेरिएंट कुछ समय के लिए फैलता है और फिर अपने आप खत्म हो जाता है।
हालांकि, अगर किसी वेरिएंट के कारण मामले तेजी से बढ़ते हैं और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती है तो उसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया जाता है।
बयान
इंडोनेशिया में भारत की दूसरी लहर जैसे हालात- जमील
भारत के जाने-माने वायरलॉजिस्ट शाहिद जमील ने कहा कि वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के कारण इंडोनेशिया में इन दिनों बिल्कुल वैसी ही स्थिति बनी हुई है, जैसे अप्रैल-मई के दौरान भारत में थी।
उन्होने कहा कि जब आप आप वायरस को फैलने के लिए पर्याप्त मौके देते हैं तो अधिक तेजी से इसमें म्यूटेशन होते हैं और नए वेरिएंट के सामने आने की आशंका बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के लिए सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है।
इंडोनेशिया
क्यों बिगड़े हालात?
इंडोनेशिया एशिया में कोरोना संक्रमण का मूलकेंद्र बना हुआ है। यहां संक्रमितों और कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। साप्ताहिक मामलों की संख्या के हिसाब से इंडोनेशिया दुनिया में सबसे आगे है।
यहां के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि सरकार वायरस के प्रसार का अंदाजा ही नहीं लगा पाई।
कई जानकारों का कहना है कि इंडोनेशिया कठोर लॉकडाउन लागू और पर्याप्त कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग न करने की कीमत चुका रहा है।
कोरोना वायरस
इंडोनेशिया में क्या है संक्रमण की स्थिति?
गुरुवार को इंडोनेशिया में कोरोना के 49,500 से अधिक नए मामले सामने आए और 1,449 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण जान गंवानी पड़ी।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, यहां अब तक 30 लाख से अधिक लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और 79,000 लोगों की मौत हुई है।
27 करोड़ से अधिक आबादी वाले इस देश में अभी तक केवल 8 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट किया गया है।