
स्वतंत्रता दिवस 2024: समान नागरिक संहिता पर बोले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- यह समय की मांग
क्या है खबर?
पूरा देश आज (15 अगस्त) 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचारी पर लगातार 11वीं बार ध्वजारोहण किया।
इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित करते हुए 2047 तक भारत को विकसित बनाने के अपने लक्ष्य पर खुलकर बात की। इसमें उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC) की भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि देश ने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब सेक्युलर सिविल कोड समय की मांग है।
बयान
धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति जरूरी- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा है। सुप्रीम कोर्ट भी इसके के लिए कह रहा है और देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं और ऊंच-नीच का कारण बनते हैं, उनकी देश को जरूरत नहीं है। अब धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति जरूरी है। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब सेक्यूलर सिविल कोड समय की मांग है।"
संहिता
क्या है समान नागरिक संहिता?
UCC का मतलब है, देश के सभी वर्गों पर एक समान कानून लागू होना।
अभी देश में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर सभी धर्मों के अपने अलग-अलग निजी कानून हैं और वे उन्हीं के मुताबिक चलते हैं।
UCC लागू होने पर सभी धर्मों के लोगों को इन मुद्दों पर भी एक जैसे कानून का पालन करना होगा। यह महज एक अवधारणा है और विस्तार में इसका रूप कैसा होगा, इस पर कुछ तय नहीं है।