आजादी की पहली सुबह कैसा था भारत का नजारा? सिनेमाघरों में मुफ्त दिखाई गई थी फिल्में
भारत की आजादी की 78वीं सालगिरह पर पूरे देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया और प्राचीर से भाषण दिया। आज की तरह 15 अगस्त, 1947 की पहली सुबह भी उत्साह से भरी थी और लोगों में इससे ज्यादा जोश और उमंग था क्योंकि उस दिन भारतीय अंग्रेजों को देश छोड़कर जाते देख रहे थे। आइए जानते हैं कि भारतीयों ने उस दिन कैसे जश्न मनाया था।
जवाहरलाल नेहरू ने संतों को किया था आमंत्रित
आजादी से एक दिन पहले 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने वाले जवाहरलाल नेहरू में जोश और उत्साह देखते बन रहा था। फर्स्टपोस्ट ने टाइम पत्रिका के हवाले से बताया कि नेहरू ने 14 अगस्त की शाम अपने आवास पर हिंदू संतों का स्वागत किया था और कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद वे संसद भवन के संविधान सभा हॉल में अन्य नेताओं के साथ एकत्र हुए और बहुचर्चित भाषण "नियति से मुलाकात" दिया।
भाषण में क्या बोले थे नेहरू?
नेहरू ने भाषण में कहा, "बहुत साल पहले हमने नियति से वादा किया था और अब समय आ गया है कि हम अपना वादा पूरा करें। आधी रात के समय, जब दुनिया सो रही होगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा। ऐसा क्षण इतिहास में शायद ही कभी आता है, जब हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ाते हैं। जब एक युग समाप्त होता है और लंबे समय से दबी एक राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिलती है।"
जब बज उठा संविधान सभा में शंख
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संविधान सभा में कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के बाहर लोगों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई थी। हॉल में आजादी के लिए जान गंवाने वाले शहीदों की याद में मौन रखा गया। टाइम पत्रिका ने बताया कि जैसे ही आधी रात के 12 बजे संविधान सभा में शंख की ध्वनि गूंज उठी। सभी सदस्य खड़े हो गए और देश के लिए खुद को समर्पित करने का संकल्प लिया।
सिनेमाघरों में मुफ्त दिखाई गईं फिल्में, सड़कें रंगी
सड़कों पर हर जगह विजय रोशनी चमक रही थी। साड़ियों ने व्यापारियों ने तिरंगे के रंग वाली साड़ियां बेंची। लोगों ने अपने बैल की सींग और घोड़ों के पैरों को तीन रंगों में रंगा। कांग्रेस ने सभी सिनेमाहॉलों को स्वतंत्रता दिवस पर मुफ्त फिल्म दिखाने के लिए कहा था। 15 अगस्त की सुबह पूरे देश में ढोल के थाप सुनाई देने लगे। लोगों ने मुफ्त में चाय और मिठाई बांटी। इंकलाब जिंदाबाद के नारे और महात्मा गांधी की जयकारे लगे।
सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया गया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजादी के मौके पर सभी को खुशी देने के लिए जेलों में बंद सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया गया। जिन दोषियों को मौत की सजा दी गई थी, उन्हें आजीवन कारावास में बदल दिया गया है और सभी बूचड़ खाने बंद कर दिए गए, ताकि किसी जानवर की हत्या न हो। नेहरू ने पहली बार तिरंगा 15 अगस्त को इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क में फहराया, फिर अगले दिन लाल किले पर फहराया गया।