भारतीय सेना द्वारा निर्मित युद्ध स्माकर, जीवन में एक बार जरूर करें इनका रुख
भारत इस साल 15 अगस्त पर अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा और अगर आप इस मौके पर कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो भारतीय सेना द्वारा निर्मित युद्ध स्मारकों का रुख करें, जो आपको देश भक्ति का असल मायने समझाते हैं। बता दें कि युद्ध स्मारक का उद्देश्य उन बहादुरों को याद करना है, जिन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए युद्ध या संघर्ष में अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
तवांग युद्ध स्मारक
अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग युद्ध स्मारक को स्थानीय तौर पर नामग्याल चोर्टेन के नाम से जाना जाता है। 40 फीट ऊंचे इस स्माकर को बौद्ध वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक तत्वों के इस्तेमाल से डिजाइन किया गया है। इसे साल 1962 के भारत-चीन युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था। यहां शहीदों की बंदूकें और टोपियां भी रखी हुई हैं और रोजाना एक लामा आकर उनकी पूजा करते हैं।
करगिल युद्ध स्मारक
श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित करगिल युद्ध स्मारक उन सैनिकों और अधिकारियों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने साल 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपना बलिदान दिया था। इस स्मारक में एक गुलाबी बलुआ पत्थर की दीवार बनी हुई है, जिस पर पीतल की प्लेटों पर ऑपरेशन विजय के दौरान शहीद हुए वीर सैनिकों के नाम खुद हुए हैं। इसके अलावा यह स्मारक तोलोलिंग हिल, बत्रा टॉप और टाइगर हिल की शानदार पृष्ठभूमि में स्थापित है।
दार्जिलिंग युद्ध स्मारक
दार्जिलिंग युद्ध स्मारक दार्जिलिंग में बतासिया लूप गार्डन के बीच में लगभग 50,000 वर्ग फुट तक फैला हुआ है। इसे दार्जिलिंग क्षेत्र के गोरखा सैनिकों के सम्मान और स्मारक के रूप में सेवा देने के लिए बनाया गया है, जिन्होंने भारत की आजादी के बाद विभिन्न अभियानों और युद्धों में अपने प्राणों का बलिदान दिया था। बता दें कि गोरखा रिजमेंट शुरू से ही भारतीय सेना में एक मजबूत ताकत रही है।
लोंगेवाला युद्ध स्मारक
लोंगेवाला युद्ध स्मारक राजस्थान के जैसलमेर के पश्चिमी भाग थार रेगिस्तान में एक सीमावर्ती शहर लोंगेवाला में स्थित है। बता दें, लोंगेवाला की लड़ाई 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में पहली बड़ी लड़ाई में से एक थी, जो लोंगेवाला की भारतीय सीमा चौकी पर हमलावर पाकिस्तानी सेना और भारतीय रक्षकों के बीच लड़ी गई थी। इस युद्ध स्मारक के संग्रहालय में युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद और सैनिकों की वर्दी का प्रदर्शन किया गया है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
पुणे में स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन शहीदों को समर्पित है, जिन्होंने आजादी के बाद के युद्ध में अपने जीवन का बलिदान दिया था। यह दक्षिण एशिया का एकमात्र ऐसा युद्ध स्मारक है, जो नागरिकों के योगदान से बनाया गया है। इसका निर्माण साल 1997 में शुरू किया गया था और स्मारक का अनावरण 15 अगस्त, 1998 को किया गया था। इस स्मारक में कारगिल युद्ध में इस्तेमाल किया गया एक मिग-23 बीएन भी प्रदर्शित किया हुआ है।