जानिए गणतंत्र दिवस पर 'झंडा फहराने' और स्वतंत्रता दिवस पर 'ध्वजारोहण' में क्या है अंतर?
क्या है खबर?
भारत 26 जनवरी 2024 ,शुक्रवार को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज के दिन साल 1950 में देश का संविधान लागू हुआ था, जिसके उपरांत भारत एक गणतंत्र बना।
भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। प्रत्येक साल गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति तिरंगा 'फहराते' हैं, जबकि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर प्रधानमंत्री 'ध्वजारोहण' करते हैं।
आइए इन दोनों के बीच का अंतर समझाते हैं।
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क्या है अंतर?
हमारे देश में कुल दो तरह से झंडे को फहराया या लहराया जाता है। जब तिरंगे को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है, तो उसे 'ध्वजारोहण' कहते हैं। अंग्रेजी में इसे 'फ्लैग होइस्टिंग' कहते हैं।
दूसरी ओर जब राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं, तब इसे 'झंडा फहराना' कहा जाता है. अंग्रेजी में 'फ्लैग अनफरलिंग' कहते हैं।
इन्हीं दो तरीकों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडा लहराया जाता है।
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कब अपनाते हैं कौनसा तरीका?
महत्वपूर्ण अंतर यह है कि दोनों समारोहों के दौरान तिरंगे को कैसे रखा गया।
26 जनवरी को, झंडे को मोड़ा या लपेटा जाता है, और एक पोल के शीर्ष पर जोड़ा जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा इसका अनावरण किया जाता है, जो इसे बिना खींचे ऐसा करते हैं।
वहीं, दूसरी ओर, 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस को पोल के नीचे स्थित ध्वज को प्रधानमंत्री द्वारा नीचे से ऊपर तक खींचकर फहराया जाता है।
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प्रत्येक तरीका क्या दर्शाता है?
'झंडा फहराना' संविधान में निर्धारित सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक प्रतीकात्मक इशारा है।
यह भारत के एक ब्रिटिश राज्य से एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बनने की ओर बदलाव को उजागर करता है।
इस बीच, स्वतंत्रता दिवस का 'ध्वजारोहण' एक नए राष्ट्र के उदय और अंग्रेजी शासन से आज़ादी का प्रतीक है।
इसमें एक औपचारिक कार्यक्रम शामिल है जिसमें एक प्रधानमंत्री झंडा फहराते है और साथ में राष्ट्रगान गाया जाता है।
#जानकारी
जगह में भी है अंतर
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर कार्यक्रम का आयोजन लाल किले पर होता है। इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं।
वहीं, गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का कार्यक्रम राजपथ पर होता है। इस दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
#5
26 जनवरी को ही राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं ध्वज?
प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं, जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। सभी जानते हैं कि देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।
उससे पहले न देश में संविधान था और न ही राष्ट्रपति। इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रध्वज फेहराया जाता है।
दूसरी ओर देश के राजनितिक प्रमुख होने के कारण प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस, यानि 15 अगस्त को आजादी के उपलक्ष में झंडा फहराते हैं।