भारत में कोरोना वायरस टेस्ट की किस राज्य में कितनी फीस है?
देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में कोरोना टेस्ट की अहम भूमिका रही है, लेकिन इसकी लागत पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टेस्ट की फीस निर्धारित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंप रखी है। हालांकि, सरकार अस्पताल और कोरोना केंद्रों पर निशुल्क टेस्ट किए जा रहे हैं, लेकिन निजी केंद्रों पर हर राज्य में अलग-अलग फीस है। आइए जानें किस राज्य में कितनी फीस है।
महाराष्ट्र सरकार ने चौथी बार कम की कोरोना टेस्ट की फीस
महाराष्ट्र सरकार ने लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए प्रेरित करने के लिए चौथी बार फीस में कमी की है। अब राज्य में 1,000 रुपये से कम में टेस्ट किए जा रहे हैं। जबकि शुरुआत में फीस 4,500 रुपये थी। नई दरों के अनुसार निजी लैब पर जाकर RT-PCR जांच कराने पर 980 रुपये, कोरोना केंद्र, अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र से सैंपल लेने पर 1,400 रुपये और घर से स्वैब नमूना लेने पर 1,800 रुपये फीस देनी पड़ती है।
कर्नाटक सरकार ने 800 रुपये निर्धारित कर रखी है फीस
कर्नाटक सरकार ने गत 16 अक्टूबर को टेस्ट की फीस के लिए नए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत राज्य की निजी लैब पर जाकर RT-PCR जांच कराने पर लोगों को 800 रुपये, कोरोना केंद्र, अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र से सैंपल एकत्र करने पर 1,200 रुपये और घर से स्वैब नमूना लेने पर 1,600 रुपये फीस चुकानी पड़ती है। सरकार के इस आदेश से लोगों के लिए जांच कराना पहले की तुलना में ज्यादा आसान हो गया है।
केरल में RT-PCR टेस्ट के लिए चुकाने पड़ रहे हैं 2,100 रुपये
केरल में निजी लैब्स पर RT-PCR टेस्ट के लिए लोगों को 2,100 रुपये फीस चुकानी पड़ रही है, पहले यह 2,750 रुपये थी। इसी तरह GeneXpert टेस्ट के लिए 3,000 रुपये की जगह 2,500, ट्रू-नट के लिए 3,000 रुपये की जगह 2,100 और एंटीजन टेस्ट के लिए 625 रुपये फीस वसूली जा रही है। इसी तरह तेलंगाना में कोरोना केंद्र और अस्पतालों से सैंपल लेने पर 2,200 रुपये और घर से सैंपल लेने पर 2,800 रुपये लिए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में वसूले जा रहे हैं 1,500 रुपये
पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्व में RT-PCR टेस्ट की फीस 2,250 रुपये निर्धारित कर रखी थी, लेकिन दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान इसे घटाकर 1,500 रुपये कर दिया है। इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है और वह जांच करने आने लगे हैं।
आंध्र प्रदेश में एंटीजन टेस्ट के लिए चुकाने पड़ते हैं 750 रुपये
आंध्र प्रदेश सरकार ने जुलाई में सरकारी और निजी लैबों पर कोरोना टेस्ट की कीमत निर्धारित कर दी थी। उसके तहत निजी लैब पर एंटीजन टेस्ट के लिए 750 रुपये से अधिक नहीं वसूले जा सकते हैं। इसमें PPT किट भी शामिल है। इसी तरह एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने वाले संदिग्ध रोगियों की RT-PCR जांच के लिए अधिकतम 2,800 रुपये वसूले जाते हैं। ऐसे में आंध्र प्रदेश में RT-PCR टेस्ट लोगों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है।
असम में तत्काल परिणाम प्राप्त करने के लिए चुकाने पड़ते हैं 2,200 रुपये
असम में सभी सरकारी अस्प्ताल और लैब्स में फ्री कोरोना टेस्ट किए जाते हैं, लेकिन सितंबर में सरकार ने कुछ मेडिकल कॉलेज और सरसजाई स्टेडियम में जांच के लिए एक विकल्प दिया था। इसके तहत महज 24 घंटे में RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट चाहने वालों को 2,200 रुपये फीस चुकानी पड़ेगी। हालांकि, इस तरह की जांच कराने वालों की संख्या कम है। इसके अलावा निजी लैब्स में भी यही फीस चुकानी पड़ती है।
मेघायल में RT-PCR टेस्ट के लिए देनी होती है 3,200 रुपये फीस
मेघालय सरकार ने गत 16 अक्टूबर से फ्री टेस्ट सुविधाओं को बंद कर दिया है। वर्तमान में एंटीजन टेस्ट के लिए 500 रुपये और RT-PCR टेस्ट के लिए 3,200 रुपये फीस निर्धारित है। हालांकि, BPL परिवारों के लोगों की अभी भी फ्री जांच की जा रही है। इसी तरह राजस्थान सरकार ने जून में निजी लैब्स पर RT-PCR टेस्ट के लिए 2,200 रुपये फीस निर्धारित की थी। उसके बाद से सरकार ने इसे अभी तक कम नहीं किया है।
गुजरात सरकार ने 1,000 रुपये निर्धारित की RT-PCR टेस्ट की फीस
गुजरात सरकार ने गत सितंबर में निजी लैब्स पर RT-PCR टेस्ट की फीस में 1,500 रुपये की कटौती करते हुए इसे 1,000 रुपये निर्धारित कर दिया था। पूर्व में इसके लिए लोगों को 2,500 रुपये चुकाने पड़ रहे थे। इसी तरह घर से सैंपल लेने पर 2,000 रुपये फीस चुकानी पड़ती है। तमिलनाडु में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों को RT-PCR टेस्ट के लिए 1,500 रुपये और अन्य लोगों को 2,000 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।
भारत में अब तक किए जा चुके हैं 10.44 करोड़ टेस्ट
भारत में अब तक 10.44 करोड़ लोगों की जांच की जा चुकी है। इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एक करोड़ लोगों की जांच हुई है। इसी तरह तमिलनाडु में 73.54 लाख, बिहार में 72.66 लाख और महाराष्ट्र में 67.93 लाख जांच हुई है।