किन राज्यों में लगाया गया नाइट कर्फ्यू और कोरोना संक्रमण को रोकने में ये कितना उपयोगी?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बाद कई राज्यों ने पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है और मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात समेत कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है।
हालांकि नाइट कर्फ्यू की वजह से न केवल लोगों को कई परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि विशेषज्ञ इसके औचित्य पर भी सवाल उठा रहे हैं।
आइए कहां-कहां नाइट कर्फ्यू लगा है और क्यों इस पर सवाल उठ रहे हैं, इसके बारे में जानते हैं।
नाइट कर्फ्यू
सबसे पहले मध्य प्रदेश में लगाया गया नाइट कर्फ्यू
कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ने पर सबसे पहले मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाया गया था और अभी राज्य के छह शहरों- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रतलाम, जबलपुर और विदिशा- में नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है।
इसके अलावा गुजरात के चार शहरों- अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा- में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
सभी रातों में नाइट कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा।
अन्य राज्य
राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी लगाया गया नाइट कर्फ्यू
राजस्थान के आठ जिलों में भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इनमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, कोटा और भीलवाड़ा जिले शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के आधे जिलों में धारा 144 भी लगाई गई है।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की सरकार ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित चार जिलों- मंडी, कांगरा, शिमला और कुल्लू- में नाइट कर्फ्यू लगाया है जो 15 दिसंबर तक लागू रहेगा।
समस्याएं
लोगों को क्या समस्याएं हो रहीं?
नाइट कर्फ्यू से समस्याओं की बात करें तो इससे सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को है जहां शादियां हैं। देशभर में ये शादियां का समय है और शादियों के कार्यक्रम रातभर चलते हैं, ऐसे में नाइट कर्फ्यू के बीच वे अपने कार्यक्रमों का सामंजस्य किस तरह बैठा पाएंगे, ये उनके लिए एक बड़ी सिरदर्दी है।
इसके अलावा होटलों, रेस्टोरेंट्स और मैरिज होम आदि के मालिकों के लिए भी ये आदेश परेशानियां लाने वाला है।
राय
विशेषज्ञों की नाइट कर्फ्यू पर क्या राय?
बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने के लिए राज्य सरकारें भले ही नाइट कर्फ्यू का सहारा ले रही हों, लेकिन विशेषज्ञों में इसकी उपयोगिकता को लेकर संशय है।
उनका मानना है कि नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जैसे कदम संक्रमण के प्रसार की कड़ी को तोड़ने में नाकाम रहते हैं और इसलिए इनका खास फायदा नहीं होता।
इसके अलावा ज्यादातर काम दिन में होते हैं, इसलिए संक्रमण को रोकने में नाइट कर्फ्यू की उपयोगिता और कम हो जाती है।
कारण
किस कारण बढ़ रहे मामले?
विशेषज्ञों ने कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने के दो अहम कारण बताए हैं- टेस्टिंग और लोगों का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार।
उनका कहना है कि त्योहारों के मौके पर देशभर में टेस्टिंग में कमी आई जिससे दैनिक मामले कम हुए और अब जब टेस्टिंग फिर से बढ़ाई जा रही है तो मामले बढ़ते हुए प्रतीत हो रहे हैं।
उनका ये भी मानना है कि अगर लोग नियमों का पालन नहीं करते तो नाइट कर्फ्यू का खास मतलब नहीं है।