पंजाब और हरियाणा में कैसे सैटेलाइट से बचकर पराली जला रहे किसान?
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का एक अहम कारण पराली जलाना है और इसके रोकथाम के लिए हरियाणा और पंजाब में सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। सख्त पाबंदियों के बावजूद कई किसान सैटेलाइट की नजरों से बचकर पराली जला रहे हैं । उदाहरण के तौर पर, लुधियाना में 56,000 से अधिक किसानों ने धान की कटाई की, लेकिन 1,000 से भी कम खेतों में आग लगने की सूचना मिली। इसका मतलब पराली जलाने की सभी घटनाएं रिकॉर्ड नहीं हो रही हैं।
कैसे सैटेलाइट से बचती हैं पराली जलने की घटनाएं?
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (HARSAC) खेत में आग का पता लगाने के लिए सैटेलाइट इमेजिंग का उपयोग कर रहा है। HARSAC के निदेशक डॉ सुल्तान सिंह ने बताया कि सैटेलाइट इमेजिंग 12 घंटे के अंतराल पर होती है। एक समय ऐसा भी होता है जब किसी क्षेत्र की निगरानी नहीं की जा रही होती है। कई बार सैटेलाइट अगर आग की घटना के क्षेत्र के ऊपर नहीं होता तो वो घटना रिकॉर्ड नहीं होती है।
किसान कैसे बच रहे सैटेलाइट की नजरों से ?
पंजाब और हरियाणा में प्रतिदिन रात 8 बजे खेतों में पराली जलाए जाने की तस्वीरें ली जाती हैं। किसान इसी का लाभ उठाते हुए रात 8 बजे के बाद अपने खेतों में पराली जलाते हैं। किसानों का मानना है कि सैटेलाइट रात में खेत में आग लगने की घटनाओं को पकड़ नहीं पाता है। कई किसानों ने सीख लिया है कि सैटेलाइट उनके इलाके के ऊपर होता है और कब नहीं और इसी अनुसार वो पराली जलाते हैं।
किसानों का तर्क, रात में आग की घटना दर्ज नहीं होती
रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के कुछ किसानों का मानना है कि सूर्यास्त के बाद पराली जलाने से उन्हें सैटेलाइट से बचने में मदद मिल सकती है। इन किसानों का तर्क है कि सैटेलाइट इमेजिंग खेत में आग की घटनाओं का पता लगाने के लिए तापमान का उपयोग करती है, इसलिए रात में तापमान में गिरावट के कारण सैटेलाइट खेत में आग का पता नहीं लगा पाता। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसे खारिज कर दिया।
पराली जलाने की घटनाएं हुईं कम, लेकिन अभी भी चिंताजनतक स्थिति
पंजाब में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 2022 से 30 प्रतिशत और 2021 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग केंद्र के अनुसार, इस साल 15 सितंबर से 7 नंवबर तक राज्य में पराली जलाने की 21,000 घटनाएं दर्ज हुई हैं। इसी तरह हरियाणा में 2023 में अब तक पराली जलाने के 1,296 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 2,083 था। हालांकि, अभी भी ये आंकड़े चिंताजनक हैं।
पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगा रही हैं सरकारें
पंजाब और हरियाणा, दोनों की सरकारें पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। यदि कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है तो उससे 15,000 रुपये तक का जुर्माना वसूला जा रहा है। इसके अलावा इन किसानों को सरकारी योजनाओं से वंचित रखने का फैसला लिया गया है। बिजनस स्टैन्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा सरकार ने ऐसे किसानों के खिलाफ 939 चालान जारी किए हैं और 25.12 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।