केरल: राज्यपाल खान को Z+ सुरक्षा मिली, केंद्र ने SFI के प्रदर्शन के बाद लिया निर्णय
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केंद्र सरकार द्वारा Z+ सुरक्षा दी गई है। शनिवार को राज्यपाल खान को राजधानी तिरुवनंतपुरम से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोल्लम जिले में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए। इस बात से नाराज होकर राज्यपाल सड़क किनारे ही धरने पर बैठ गए थे और अब उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला?
शनिवार को राज्यपाल एक कार्यक्रम में शामिल होने कोट्टरकारा जा रहे थे। जब उनका काफिला कोल्लम के निलामेल से गुजर रहा था, तभी SFI कार्यकर्ताओं ने उन्हें विरोध स्वरूप काले झंडे दिखाए। इससे राज्यपाल नाराज हो गए कि गाड़ी से बाहर निकलकर सड़क किनारे ही धरने पर बैठ गए। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राज्यपाल पुलिस अधिकारियों से नाराजगी जता रहे हैं। उनका आरोप है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को संरक्षण दे रही है।
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर राज्य में अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वह (मुख्यमंत्री) ही हैं, जो कानून तोड़ने वालों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस को निर्देश दे रहे हैं। SFI के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई आपराधिक मामले अदालतों में लंबित हैं।" उन्होंने कहा कि पहले भी कई मौकों पर SFI कार्यकर्ताओं द्वारा उनके काफिले को रोका गया और उन पर हमला करने की कोशिश की गई।
पुलिस ने प्रदर्शकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
इस बीच 2 घंटे से अधिक समय तक राज्यपाल सड़क पर ही बैठे रहे। उन्होंने तब तक जाने से इनकार कर दिया, जब तक उन्हें पुलिस अधिकारियों द्वारा SFI कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज FIR की एक प्रति नहीं दिखाई गई। पुलिस ने मामले में गैर-जमानती प्रावधानों के तहत 17 SFI कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज FIR दर्ज की है। इसके बाद राज्यपाल का काफिला वहां से रवाना हुआ और पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली।
सुरक्षा बढ़ाने के आदेश में क्या कहा गया है?
शनिवार को केरल के राज्यपाल के कार्यालय की ओर से कहा है कि गृह मंत्रालय ने केरल राजभवन को सूचित किया है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का Z+ सुरक्षा कवर माननीय राज्यपाल और केरल राजभवन तक बढ़ाया जा रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
राज्यपाल और केरल सरकार के बीच तनातनी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले मुख्यमंत्री विजयन राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के कामकाज और विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों पर सहमति देने में देरी का आरोप लगा चुके हैं। सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा से पारित ऐसे कई विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं दी गई, जो सार्वजनिक हितों से जुड़े हैं।