क्या दिल्ली और आसपास डेंगू के DENV-2 टाइप के कारण बढ़ रहे हैं मामले?
क्या है खबर?
दिल्ली में इस साल डेंगू बुखार के 5,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जो पिछले छह सालों के सबसे ज्यादा है। राजधानी के आसपास भी इससे पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉक्टरों का मानना है कि इस साल मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के पीछे डेंगू के DENV-2 टाइप का हाथ हो सकता है।
यह डेंगू के बाकी टाइपों की तुलना में अधिक खतरनाक है और शरीर पर इसका असर लंबे समय तक रहता है।
डेंगू
कैसे फैलता है डेंगू?
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है और यह मादा ऐडीज ऐजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। जब डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। फिर जब वह किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी बीमार कर देता है।
एक संक्रमित मच्छर अपने तीन से चार हफ्ते के पूरे जीवनकाल में अनगिनत लोगों को काटकर उन्हें बीमार कर सकता है।
पिछले कुछ दशकों में डेंगू का प्रकोप ज्यादा बढ़ा है।
डेंगू बुखार
क्यों सबसे खतरनाक है DENV-2?
डेंगू फ्लेविविरीडिई परिवार के वायरसों से फैलता है। ये वायरस DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4 प्रकार के होते हैं।
DENV-2 इनमें से सबसे खतरनाक होता है। अगर इससे पीड़ित व्यक्ति को समय पर इलाज न मिले तो जान जाने का खतरा रहता है।
इससे संक्रमित होने के बाद व्यक्ति में 4-10 दिनों के बीच लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं और गंभीर मामलों में मरीज को पूरी तरह ठीक होने में तीन सप्ताह तक का समय लग जाता है।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टरों का क्या कहना है?
अपोलो अस्पताल के डॉ आलोक कुमार अग्रवाल ने इंडिया टुडे को बताया कि ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में DENV-2 की वजह से मामले बढ़ रहे हैं। चार तरीके के डेंगू वायरस एक चक्र में फैलते रहते हैं और यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। इनमें से DENV-2 ज्यादा गंभीर स्थिति पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि मानसून जाने के बाद हर साल की तरह मामले बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार मरीजों की संख्या ज्यादा है।
लक्षण और इलाज
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू से संक्रमित हर चार में से एक व्यक्ति बीमार पड़ता है। इनमें सिरदर्द, बुखार, पेट दर्द, मुंह और नाक से खून आना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी आना और डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
इसके इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। इससे संक्रमित लोगों को आराम करने, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने और दर्द निवारक दवाएं जैसे पैरासिटामोल आदि लेने की सलाह दी जाती है ताकि बुखार से बचा जा सके।
डेंगू
दिल्ली में इस महीने आ चुके हैं करीब 3,800 मामले
दिल्ली में इस साल डेंगू के 5,200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यहां फरवरी में दो, मार्च में पांच, अप्रैल में 10, मई में 12, जून में सात, जुलाई में 16 और अगस्त में सात केस मिले थे।
इसके बाद सितंबर में मामलों की संख्या 217 और अक्टूबर में 1,196 पर पहुंच गई। इसी तरह 1 से 6 नवंबर के बीच 1,171 और 7 से 13 नवंबर के बीच सबसे ज्यादा 2,569 नए मामले सामने आए हैं।
दिल्ली में डेंगू
मामले बढ़ने की ये भी वजहें
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हर साल आमतौर पर अक्टूबर के महीने में डेंगू के मामले अपने चरम पर होते हैं और नवंबर में तापमान में गिरावट के साथ मामलों में कमी आना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
इसका कारण है कि दिल्ली में इस साल नवंबर तक रुक-रुककर बारिश होने से डेंगू के मच्छरों की मौजूदगी बनी रही है। इसके अलावा पर्याप्त सफाई न होना भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।