हरियाणा: नूंह हिंसा के संबंध में कई रोहिंग्या शरणार्थियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में कई रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया गया है। नूंह के पुलिस अधीक्षक (SP) नरेंद्र बिजारनिया ने कहा कि ये लोग हिंसा के दौरान पत्थरबाजी करने में शामिल थे और सबूतों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने तावडू में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा भी कर रखा है।
रोहिंग्या कार्यकर्ताओं ने क्या कहा?
गैर-सरकारी संगठन रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के संस्थापक और निदेशक सब्बर क्याव मिन ने कहा कि इन शिविरों में रहने वाले अधिकांश रोहिंग्या शरणार्थी रिक्शा चालक, कचरा बीनने वाले और सब्जी बेचने वाले के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा, "हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने शिविर को सूचित किया था कि उनके पास कम से कम 17 रोहिंग्या शरणार्थियों की सूची थी, जिनमें से कुछ की हिंसा में शामिल होने के लिए पहचान की गई थी।"
नूंह में कर्फ्यू में दी गई 4 घंटे की छूट
नूंह में हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू में आज सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक 4 घंटे की छूट दी गई है। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि जिले में सामान्य स्थिति बहाल करने और लोगों को आवाजाही की अनुमति के लिए छूट मिली है। इसके अलावा बैंकों और ATM खुलने को लेकर एक अलग आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि जिले में इंटरनेट पर 8 अगस्त तक प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है।
शांति को खतरे में डालने वालों को जवाब देने की जरूरत- चौटाला
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि लोगों को राज्य की शांति और भाईचारे को खतरे में डालने वालों को जवाब देने की जरूरत है। उन्होंने हिसार में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "आज हमें खड़े होकर उन लोगों को जवाब देना होगा जो शांति और भाईचारे को खतरे में डाल रहे हैं।" चौटाला ने इससे पहले रैली के आयोजकों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि रैली के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई थी।
नूंह में बुलडोजर की कार्रवाई पर भड़के ओवैसी
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नूंह में अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'विश्वास बहाली का मतलब सिर्फ एक समुदाय के लोगों के घर, मेडिकल शॉप, बिल्डिंग को तोड़ना है और वो भी किसी नियम या कानून के बिना। खट्टर सरकार ने कानूनी अदालतों को हड़प लिया है, विश्वास सिर्फ उन्हीं लोगों को दिया जा रहा है जो भाजपा और संघ के करीबी हैं।'
नूंह में कैसे भड़की थी हिंसा?
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और मातृशक्ति दुर्गावाहिनी ने नूंह में 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा निकाली थी, जिसमें कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर को भी शामिल होना था। हालांकि, मुस्लिम लोगों ने यात्रा का विरोध करते हुए पथराव कर दिया, जिसके चलते नूंह में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई, जबकि हरियाणा पुलिस के 2 होम गार्ड जवानों समेत 6 लोगों की मौत हुई थी।