मध्य प्रदेश: गांव के हैंडपंप से पानी के साथ आग निकलने के पीछे क्या विज्ञान है?
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। जिले के बक्सवाहा क्षेत्र के कछार गांव में एक हैंडपंप से पानी के साथ-साथ अचानक आग भी निकलने लगी।
इससे इलाके में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों की भीड़ लग गई। इस दौरान दर्शकों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
स्थानीय प्रशासन और भूवैज्ञानिकों के अनुसार यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण था।
मामला
गांव में मौजूद दो हैंडपंप में से एक खराब, ग्रामीण परेशान
गांव में सिर्फ दो हैंडपंप हैं, जिससे पूरा गांव पानी का इस्तेमाल करता है। स्कूल के पास लगे इस हैंडपंप से आचानक आग और पानी एक साथ निकलने लगा।
स्थानीय निवासी नारायण यादव के अनुसार, "गांव में पीने के पानी की कोई खास व्यवस्था नहीं है। यहां केवल दो हैंडपंप है, जिसमें से एक हैंडपंप से आग निकल रही है, तो पानी के लिए अब सिर्फ एक ही हैंडपंप बचा है। इससे हम लोगों की चिंता और बढ़ गई है।"
जानकारी
हैंडपंप से पहले भी निकल चुकी है आग
गांव के एक निवासी देवेंद्रसिंह लोधी का कहना है कि यह सरकारी हैंडपंप पहले भी आग उगल चुका है। जिसके बाद प्रशासन ने उसका ऊपरी हिस्सा, हैंडल और अंदर का पंप और पाइप निकाल कर उसे इसी तरह छोड़ दिया था।
बुधवार को पंप से आग और पानी दोनों साथ निकलने लगा। कोई इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ लोग डरे हुए हैं।
उनका कहना है कि जमीन में कोई बड़ी हलचल के परिणाम स्वरूप ऐसा हो रहा है।
ट्विटर पोस्ट
पानी के साथ आग उगलने वाले हैंडपंप का वीडियो
#Watch: Viral Video of how a hand-pump in Madhya Pradesh is spewing fire and water together. #Viral #ViralVideo #handpump #MadhyaPradesh #fireandwater #spewing pic.twitter.com/4vDTZYSbNJ
— SK eServices (@SK_eServices) August 25, 2022
जानकारी
ऐसे मामलों में विज्ञान क्या कहता है?
ग्रामीणों ने घटना की जानकारी अधिकारियों को दी है, जिसके बाद अब प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। वैज्ञानिक ऐसे मामलों में कहते हैं कि मीथेन गैस भूमिगत हो जाती है और यही चीज कभी-कभी पानी के साथ बाहर आ जाती है।
बयान
मामले में प्रोफेसर जेपी सिंह ने क्या समझाया?
इस मुद्दे के बारे में प्रोफेसर जेपी सिंह ने समझाया, "हैंडपंप से पानी के साथ ज्वलनशील गैस का निकलना कोई चमत्कारी घटना नहीं है। यह आमतौर पर एक मीथेन गैस है।
उन्होंने कहा, "तलछटी (महीन रेत) चट्टानों में दलदली क्षेत्रों में तलछट के साथ पौधों के अवशेष होते हैं, मीथेन गैस भौतिक-रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा विघटन-अपघटन से बनती है।"
उन्होंने आगे कहा, "गैस गर्म करने या जलाने से घनत्व में कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप यह ऊपर उठती है।"
जानकारी
इलाके में पाई जाती हैं तलछटी चट्टानें
गैस के ऊपर उठने से एक वैक्यूम बनता है, जिसके कारण गैस के नीचे का भूजल ऊपर की ओर बढ़ जाता है। यह क्रम बारी-बारी से चलता रहता है। बक्सवाहा में तलछटी चट्टानें जैसे बलुआ पत्थर, शेल आदि पाए जाते हैं।
तलछटी चट्टान
न्यूजबाइट्स प्लस
तलछटी चट्टानें दूसरी महान चट्टान वर्ग हैं। यह चट्टानें पृथ्वी की सतह पर ठंडी पैदा होती हैं, ज्यादातर पानी के नीचे। इनमें आमतौर पर परतें होती हैं। ये आम तौर पर रेतीले या मिट्टी की सामग्री की परतों में व्यवस्थित होते हैं।
तलछटी चट्टानों में दानेदार पदार्थ होते हैं जो तलछट में होते हैं। तलछट में ज्यादातर सतही खनिज होते हैं जैसे क्वार्ट्ज और मिट्टी। ये चट्टानों के भौतिक टूटने और रासायनिक परिवर्तन से बनते हैं।