कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइंस
देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण हजारों बच्चे प्रभावित हुए हैं। ऐसे में उनकी उचित देखभाल का संकट खड़ा हो गया है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रभावित बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए गाइडलाइंस जारी करते हुए सभी राज्यों के जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, पंचायती राज संस्थान और शहरी निकायों की जिम्मेदारियां निर्धारित की है। इसमें साफ कहा गया है कि महामारी से प्रभावित बच्चों के देखभाल में कमी नहीं होनी चाहिए।
कोरोना महामारी के कारण 1,700 से अधिक बच्चे हुए अनाथ- NCPCR
बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे के अनुसार कोरोना महामारी ने मार्च 2020 से 29 मई, 2021 तक देश में कुल 9,346 बच्चों को प्रभावित किया है। इनमें से 1,742 के माता-पिता दोनों की मौत हो गई, जबकि 7,464 बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है। इसी तरह 140 बच्चों को माता-पिता ने छोड़ दिया। यह बेहद गंभीर मामला है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखा पत्र
मामले को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें महामारी से प्रभावित बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए की जा रही कार्रवाई को सरल और सुगम बनाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की प्रमुख जिम्मेदारियां तय की है। उन्होंने सभी मुख्य सचिवों को महामारी के दौरान प्रभावित बच्चों के सभी हितों को प्राथमिकता देने को कहा है।
प्रभावित बच्चों की पहचाने के लिए सर्वे कराने के निर्देश
सचिव मिश्रा ने राज्यों को प्रभावित बच्चों की पहचान के लिए सर्वे आयोजित कराने तथा सभी बच्चों की प्रोफाइल तैयार करते हुए उनकी आवश्यकताओं के विवरण के साथ डाटा बेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा डाटा को चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड करने को भी कहा गया है। इसी तरह अस्पतालों को किसी भी स्थिति में संपर्क करने के लिए मरीजों के परिचितों का संपर्क विवरण प्रवेश फॉर्म में ही दर्ज करने के निर्देश देने को कहा है।
बीमार माता-पिता के बच्चों को अस्थाई रूप से चाइल्ड केयर संस्थानों को सौंपने के निर्देश
सचिव मिश्रा ने उन सभी बच्चों को अस्थाई रूप से चाइल्ड केयर संस्थानों (CCI) को सौंपने के निर्देश दिए हैं, जिनके माता-पिता कोरोना संक्रमण के कारण बीमार है और उनकी देखभाल के लिए कोई रिश्तेदार मौजूद नहीं है। इसी तरह कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए CCI में आइसोलेशन की व्यवस्था करने तथा बच्चों से बातचीत करने के लिए बाल मनोवैज्ञानिकों या परामर्शदाताओं का रोस्टर तैयार करने के लिए कहा गया है।
प्रभावित बच्चों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के निर्देश
सचिव मिश्रा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परेशानी में फंसे बच्चों को मनोसामाजिक देखभाल या सहायता उपलब्ध कराने के लिए विशेषज्ञों द्वारा संचालित एक स्थानीय हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। इससे बच्चों को त्वरित सहायता मिल सकेगी।
जिला स्तर पर टास्क फोर्स बनाने के दिए निर्देश
सचिव मिश्रा ने सभी राज्यों को जिला कलक्टर द्वारा बच्चों की जरूरतों की सूची तैयार करने, प्रगति की निगरानी करने और प्रभावित बच्चों तक सभी सुविधाएं पहुंचाने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स बनाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी नागरिक समाज संगठनों को प्रभावित बच्चों की सूचना आवश्यक रूप से बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचना देने के लिए प्रेरित करने को भी कहा गया है।
बच्चों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस की सतर्कता जरूरी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों की तस्करी, अवैध गोदनामा, बाल विवाह, बाल श्रम या किसी अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए जिला पुलिस को सतर्कता के काम करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियां स्थाापित कर प्रभावित बच्चों की जानकारी हासिल करने और अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।