भारत में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हुई एक व्यक्ति की मौत, सरकार ने की पुष्टि
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत के बाद गंभीर दुष्परिणामों के कारण कई लोगों की मौत होने के मामले सामने आए थे, लेकिन सरकार ने इनकी पुष्टि नहीं की थी।
हालांकि, मामलों की जांच के बाद अब गंभीर दुष्परिणाम यानी एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) को लेकर गठित राष्ट्रीय स्तरीय समिति ने पहली बार कोरोना वैक्सीन की वजह से एक व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि कर दी है।
प्रकरण
राष्ट्रीय AEFI समिति ने 31 मामलों की जांच के आधार पर सौंपी रिपोर्ट
इंडिया टुडे के अनुसार राष्ट्रीय AEFI समिति ने 16 जनवरी से 31 मार्च तक सामने आए गंभीर दुष्परिणामों के 31 मामलों की जांच की थी। इनमें से 28 लोगों की मौत हुई थी।
वैक्सीनेशन के बाद गंभीर दुष्परिणाम के 5 फरवरी को पांच, 9 मार्च आठ और 31 मार्च को 18 मामले सामने आए थे।
समिति ने इन सभी मामलों की जांच करने के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और एक मौत की पुष्टि की है।
मौत
वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलेक्सिस के चलते हुई 68 वर्षीय बुजुर्ग की मौत
समिति ने रिपोर्ट में बताया कि वैक्सीनेशन के बाद 31 मार्च तक केवल एक मौत दुष्परिणाम से हुई है। 8 मार्च को एक 68 वर्षीय बुजुर्ग को वैक्सीन लगाई गई थी।
इससे उसके एनाफिलेक्सिस एक गंभीर एलर्जी हुई थी और बाद में उसकी मौत हो गई।
इसी तरह 21 वर्षीय महिला को 19 जनवरी और 22 वर्षीय महिला को 16 जनवरी को वैक्सीन देने के बाद एनाफिलेक्सिस की शिकायत हुई थी, लेकिन वह उपचार के बाद ठीक हो गई थी।
बयान
एनाफिलेक्सिस के कारण हुई एक बुजुर्ग की मौत- अरोड़ा
AEFI समिति के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि 31 गंभीर दुष्परिणामों के मामलों की जांच करने के बाद वैक्सीन की दुष्परिणाम के कारण केवल एक बुजुर्ग की मौत होने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद बुजुर्ग के एनाफिलेक्सिस नाक की गंभीर एलर्जी हुई थी।इससे उसके शरीर में गंभीर प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। ऐसे में उसकी मौत हो गई। अन्य मामलों में मौतों का वैक्सीन से कोई संबंध नहीं मिला है।
बंटवारा
असर के अनुसार अलग-अलग भागों में किया मामलों का बंटवारा
समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वैक्सीनेशन के बाद सामने आए गंभीर दुष्परिणामों के 31 मामलों को असर के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा गया है। 31 में से 18 मामलों को 'संयोग से वैक्सीनेशन से जुड़े नहीं' में रखा गया है।
इसी तरह सात मामलों को 'अनिश्चित', तीन को 'वैक्सीन प्रोडक्ट से संबंधित', एक मामले को 'चिंता' से संबंधित और दो मामलों को 'अवर्गीकृत' श्रेणी में रखा गया है। समिति अब अन्य मामलों की जांच में जुटी है।
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वैक्सीन के नुकसान कम और फायदे हैं अधिक- समिति
AEFI समिति ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद मौत और अस्पताल में भर्ती होने के दुष्परिणामों होने का मतलब यह नहीं कि ये कोरोना वैक्सीन के कारण ही हुए थे। इनकी ठीक से जांच के बाद ही इनका वैक्सीन से संबंध समझा जा सकता है।
समिति ने कहा कि वैक्सीन की प्रत्येक 10 लाख खुराकों पर मौतों की रिपोर्टिंग दर 2.7 और अस्पताल में भर्ती होने की दर 4.8 है। ऐसे में वैक्सीन के नुकसान कम और फायदे अधिक हैं।