दिल्ली दंगे: हाई कोर्ट ने दी तीन एक्टिविट्स को जमानत, सरकार पर की तल्ख टिप्पणी
दिल्ली हाई कोर्ट ने आज दिल्ली दंगों के मामले में तीन एक्टिविट्स को जमानत ने दी। इन एक्टिविट्स में पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नताशा नारवाल और देवंगना कलिता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा शामिल हैं। इन तीनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामले चल रहे हैं। जमानत देते हुए कोर्ट ने सरकार से कहा कि उसे प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार और आतंकी गतिविधियों के बीच अंतर समझना होगा।
हाई कोर्ट की सरकार पर तल्ख टिप्पणी
तीनों एक्टिविस्ट्स को जमानत न देने के निचले कोर्ट के आदेशों को पलटते हुए जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अनूप जयराम भम्भानी की हाई कोर्ट बेंच ने सरकार से कहा, "ऐसा लगता है कि असहमति को दबाने की सरकार की कोशिशों के बीच प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार और आतंकी गतिविधियों के बीच अंतर धुंधला होता जा रहा है। अगर इस सोच को बढ़ावा मिला तो यह लोकतंत्र के लिए एक बुरा दिन होगा।"
इन शर्तों पर दी गई तीनों को जमानत
हाई कोर्ट ने तीनों को 50,000 रुपये के निजी बॉन्ड और दो-दो जमानती पेश करने की शर्त पर जमानत दी है। इसके अलावा उनके पासपोर्ट जमा करा लिए गए हैं और उनसे अपने फोन नंबर स्थानीय थानाध्यक्ष को देने को कहा गया है। उन्हें जेल रिकॉर्ड में दर्ज पते पर ही रहना होगा और इसे बदलने पर थानाध्यक्ष को सूचित करने को कहा गया है। तीनों को जांच प्रभावित करने वाली गतिविधियों से दूर रहने को भी कहा गया है।
देवंगना और नताशा को सभी मामलों में मिली जमानत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, देवंगना पर दिल्ली दंगों से संबंधित चार और नताशा पर तीन मामलों में केस चल रहा है। उन्हें इन सभी में जमानत दी गई है। निचले कोर्ट ने यह कह कर इन दोनों को जमानत देने से इनकार कर दिया था कि प्रथमदृष्टया उन पर लगे आरोप सही लगते हैं। उनके वकील ने हाई कोर्ट में यह कह कर विरोध किया कि मामले की जांच पर ही सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने तन्हा को बताया दंगों की साजिश का हिस्सा
वहीं जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र इकबाल तन्हा की जमानत की अर्जी को अक्टूबर, 2020 में निचले कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्होंने दिल्ली दंगों की पूरी साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई। हाई कोर्ट में भी पुलिस ने कहा कि दंगे पूर्व-नियोजित थे और तन्हा इस साजिश का हिस्सा था। उसके वकील ने कहा कि तन्हा दंगों के समय दिल्ली में था ही नहीं। तन्हा अभी परीक्षा देने के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर थे।
तीन दिनों तक दंगों की आग में जली थी दिल्ली
पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था। दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।