
कश्मीर: अल्पसंख्यकों पर आतंकी हमले जारी, कुलगाम में प्रवासी महिला शिक्षक की गोली मारकर हत्या
क्या है खबर?
कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आतंकियों ने आज कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में सरकारी स्कूल में घुसकर एक प्रवासी हिंदू महिला शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी।
36 वर्षीय रजनी बाला हमले में गंभीर रुप से घायल हुईं और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका। वह जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं।
सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
घटना
सुबह लगभग 10 बजे हुई घटना, सिर में मारी गई गोली
गोपालपोरा के प्रधान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया, "घटना सुबह लगभग 10 बजे हुई। मैंने देखा कि एक शिक्षिका के सिर में गोली मारी गई है। एक और शिक्षक ने उसे मदद के लिए उठाया। मैंने पुलिस को सूचित किया।"
जिस हाई स्कूल में शिक्षिका पर हमला हुआ, वहां सेना और पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
हत्या की खबर मिलने पर कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर में प्रदर्शन किया।
न्याय की मांग
पीड़िता के परिजनों ने मांगा सरकार से न्याय
पीड़िता के परिवार ने सरकार से न्याय मांगा है। उनके एक संबंधी ने कहा, "हमें न्याय चाहिए। सरकार को लक्षित हत्याओं के बारे में कुछ करना चाहिए। वहां प्रवासी कर्मचारियों को सुरक्षा दी जानी चाहिए।"
एक दूसरे संबंधी ने कहा, "मुझे नहीं पता क्या कहूं। वो मेरी भाभी थीं और दो महीने पहले यही थीं। उन्होंने कहा था कि सब ठीक है और उसे कोई खतरा नहीं है। अचानक से कुछ समय पहले उसने कहा कि थोड़ा डरावना माहौल है।"
प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने की हत्या की निंदा, बोले- खोखले होते जा रहे हैं आश्वासन
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की है।
ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'बहुत दुख की बात है। निहत्थे नागरिकों पर किए गए हालिया हमलों की लंबी सूची में एक और लक्षित हत्या जुड़ गई है। निंदा और शोक के शब्द और स्थिति सामान्य होने तक चैन से नहीं बैठने के सरकार के आश्वासन खोखले होते जा रहे हैं। मृतक को शांति मिले।'
निंदा
महबूबा मुफ्ती ने भी की हत्या की निंदा
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हत्या की निंदा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है।
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'कश्मीर के सामान्य होने के भारत सरकार के दावे के बावजूद, ये साफ है कि लक्षित हत्याएं बढ़ रही हैं और गहरी चिंता का विषय हैं। इस कायराना हरकत की निंदा करती हूं जो दुर्भाग्य से भाजपा द्वारा बनाए गए मुस्लिम विरोधी जहरीले नैरेटिव से मेल खाता है।'
चिंता
कश्मीर में बढ़ रही हैं लक्षित हत्याएं
बता दें कि कश्मीर में हालिया समय में कई लक्षित हत्याएं हो चुकी हैं जिनमें मुख्य तौर पर अल्पसंख्यकों (कश्मीरी पंडित और हिंदू प्रवासी मजदूरों) को निशाना बनाया गया है।
25 मई को ही आतंकियों ने बडगाम के चादूरा में टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या कर दी थी।
इससे पहले इसी महीने आतंकियों ने बडगाम में तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर एक कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी।