लश्कर-ए-तैयबा ने कराया था जम्मू हवाई अड्डे पर ड्रोन हमला, ATC और हेलीकॉप्टर थे निशाने पर
क्या है खबर?
जम्मू में वायु सेना के हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले के मामले में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ सामने आया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुरूआत जांच में 6 किलोग्राम IED के साथ गिरफ्तार किए गए लश्कर के आतंकी का संबंध इस ड्रोन हमले से पाया गया है।
लश्कर ने इस हमले के जरिए वायुसेना के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और हेलीकॉप्टर्स को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
पृष्ठभूमि
शनिवार-रविवार रात को हुआ था हमला
शनिवार-रविवार रात को पांच मिनट के भीतर जम्मू हवाई अड्डे में दो धमाके हुए थे। हमले में दो अलग-अलग ड्रोन्स के जरिए 50 यार्ड की दूरी पर 5-6 किलोग्राम RDX डाला गया था।
इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। वायुसेना की तरफ से बताया गया है कि एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा है और दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था।
शक
6 किलोग्राम IED के साथ पकड़ा गया लश्कर का आतंकी
इस हमले के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक ऑपरेटिव को 6 किलोग्राम IED के साथ गिरफ्तार किया था। वह इसे शहर की किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर रखने की योजना बना रहा था।
यूं तो अभी तक आधिकारिक तौर पर इस आतंकी के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन शुरूआती जांच में इस आतंकी का संबंध हवाई अड्डे पर हुए ड्रोन हमले से पाया गया है।
रिपोर्ट
सीमा पार से आए थे ड्रोन
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमला करने वाले दोनों ड्रोन सीमा पार से आए थे जो जम्मू हवाई अड्डे से 14.5 किलोमीटर दूर है। ये ड्रोन हमले के बाद वापस सीमा पार लौट गए।
आशंका है कि ये ड्रोन 1.2 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे थे और इनमें लंबी अवधि वाली बैट्री लगी थीं।
इस हमले से जम्मू में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है जहां कम से कम पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के 14 ड्रोन देखे गए हैं।
ड्रोन का इस्तेमाल
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान पर शक इसलिए भी जाता है क्योंकि वह ड्रोन का इस्तेमाल पहले भी करता रहा है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जब भारत ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा कड़ी कर दी थी, तब कश्मीर के स्थानीय आतंकियों को हथियार पहुंचाने के लिए उसने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
उसने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए ऐसे कई ड्रोन भेजे थे जिनमें से ज्यादातर समय रहते पकड़ लिए गए थे।
कानूनी कार्रवाई
मामले में UAPA के तहत FIR दर्ज
हमले के आतंकी एंगल को देखते हुए मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के FIR दर्ज की गई है और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) को मामले की जांच सौंप दी गई है।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने भी इन धमाकों को आतंकी हमला करार दिया है और कहा है कि एक IED की बरामदगी से एक बड़ा आतंकी हमला टल गया।
मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारियां भी की गई हैं।
अलर्ट
सैन्य ठिकानों और सीमा पर जारी किया गया अलर्ट
भारत में ड्रोन के जरिए इस पहले हमले के बाद श्रीनगर, अंबाला और पठानकोट और उत्तर भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों को अलर्ट जारी किया गया है। दूसरी तरफ सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। जम्मू क्षेत्र में पड़ने वाली पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मामले पर नजर बनाए हुए हैं।