कोरोना वायरस से संक्रमितों के अंतिम संस्कार नियमों की खुल रही पोल, जमकर हो रही अनदेखी
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेज रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है कि देश में अब तक संक्रमितों की संख्या 7,67,296 पहुंच गई है और 21,129 की मौत हो चुकी है। देश में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर रखी है। इसमें कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर भी नियम निर्धारित किए गए हैं, लेकिन इन नियमों की सही तरह से पालना नहीं हो रही है।
यह है कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के नियम
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यदि किसी कोरोना संक्रमित की मौत होती है तो अस्पताल के दक्ष कर्मचारी शव की सही तरह से सफाई और सैनिटाइज करने के बाद पैक करेंगे। अस्पताल की एंबुलेंस से शव को श्मशान या कब्रिस्तान पुहंचाया जाएगा और परिजनों की मौजूदगी में निगम या नगर निकाय के कर्मचारी बड़ी सुरक्षा के साथ उसका अंतिम संस्कार करेंगे। शव को छूने, नहलाने की इजाजत नहीं होगी। अंतिम संस्कार में मौजूद लोगों को PPE किट पहननी होगी।
राज्यों ने अपने स्तर पर भी लागू किए हैं कई नियम
कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा राज्य सरकारों ने भी अपने स्तर पर गाइडलाइंस जारी कर रखी है। दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना मरीज की मौत पर दो घंटे में शव को मुर्दाघर में भेजने तथा मृतक के परिवार की मौजूदगी में 24 घंटे में निगम की मदद से अंतिम संस्कार कराने के आदेश जारी कर रखे हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने शव को नहलाने और छूने पर रोक लगा रखी है।
अंमित संस्कार में भीड़ जुटाने पर लगाई रोक
राज्य सरकारों ने संक्रमण से बचने के लिए अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों के ही शामिल होने, शहर या कॉलोनी से बाहर स्थिति श्मशान घाट या कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार करने और अंतिम संस्कार के बाद सैनिटाइजेशन कराने के भी निर्देश दे रखे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शव सुपुर्दगी के नियमों में किया बदलाव
पूर्व में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट नहीं आने तक परिजनों को शव देने पर रोक लगा रखी थीं। इसके कारण कई जगह शवों की अदला-बदली के मामले सामने आने को देखते हुए मंत्रालय ने गत 15 जून को नियमों में बदलाव कर दिया। नए नियमों के तहत कोरोना संदिग्धों के शव मौत के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे, लेकिन अंतिम संस्कार में गाइडलाइंस पालन करना होगा। इसके बाद भी नियमों की अनदेखी हो रही है।
हैदराबाद में कुत्ते खा रहे कोरोना संक्रमितों के अधजले शव
कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार की लापरवाही का ताजा मामला हैदराबाद से सामने आया है, जहां अस्पताल प्रशासन की ओर से संक्रमितों का सही तरह से अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन निगमकर्मियों को शव सौंपकर इतिश्री कर रहे हैं और निगम कर्मचारी श्मशान में अधजले शव छोड़कर जा रहे हैं। बाद में इन अधजले शवों को कुत्ते नोच रहे हैं। इस दिनों इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हरिद्वार में अंतिम संस्कार में नहीं की नियमों की पालना, मृतक निकले संक्रमित
हरिद्वार में गत 22 जून को दो युवकों की सड़क हादसे में मौत हो गई थीं। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के बाद कोरोना जांच के सैंपल लेकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए, लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार में गाइडलाइंस का पालन नहीं किया और काफी संख्या में लोग जुट गए। 24 जून को दोनों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया और अब चिकित्साकर्मी अंतिम संस्कार में शामिल लोगों की तलाश में जुटे हैं।
मुंबई में अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़, 38 लोग हुए संक्रमित
मुंबई के उल्लासनगर में गत 25 मई को एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद चिकित्सकों ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। नियमों की अवहेलना करते हुए अंतिम संस्कार में 70 से अधिक लोग शामिल हो गए। बाद में जांच कराने पर 18 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो गई। इसी तरह गत 5 मई को एक कोरोना संदिग्ध के अंतिम संस्कार में भी खासी भीड़ जुटी थीं। इस घटना में भी 20 लोग संक्रमित पाए गए थे।
अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 40 लोगों को किया क्वारंटाइन
9 जून को मंबई के कार्डिनल ग्रासियस अस्पताल में लीवर फेल होने से एक जने की मौत हो गई थीं। उसके अंतिम संस्कार में भी भीड़ जुटी थीं। बाद में उसके स्रक्रमित मिलने पर अंतिम संस्कार में शामिल करीब 40 लोगों को क्वारंटाइन किया था।
भोपाल में कोरोना संक्रमितों के शवों को नहलाया
गत 15 अप्रैल को भोपाल में दो कोरोना संक्रमितों के शवों को उनके परिवार वालों ने नियमों को ताक में रखते हुए न केवल नहलाया बल्कि उनके अंतिम संस्कार में भी काफी संख्या में लोग जुटे थे। सूचना पर प्रशासन में हड़कंप मच गया और करीब 50 लोगों की जांच के लिए नमूने लिए गए। इसी तरह गत 11 मई को उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसका शव रातभर श्मशान में रखा रहा था।
राजस्थान में बिना PPE किट पहने ही कर रहे अंतिम संस्कार
राजस्थान के उदयपुर में भी अंमित संस्कार के नियमों की अनदेखी का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गत 24 जून को अस्पताल की ओर से निगम कर्मचारियों को दिए गए शवों का बिना PPE किट पहने ही अंमित संस्कार किया गया था। मामला प्रकाश में आने पर अधिकारियों ने भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की बात कही थीं। चौंकाने वाली बात यह थी कि अंतिम संस्कार ने किसी ने भी मास्क तक नहीं लगा रखा था।
आखिर नियमों की अवहेलनाओं के लिए जिम्मेदार कौन?
सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी होने के बाद भी नियमों की अवहेलना हो रही है। अस्पताल अपनी गलती नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि परिजनों को शव सौंपते समय ज़रूरी निर्देश दिए जाते हैं लेकिन वो नहीं मानते। जबकि स्वास्थ्य महकमे को अपनी देखरेख में अंतिम संस्कार करवाना चाहिए। दूसरी तरफ, लोग सोशल डिस्टेंसिंग और कम से कम मौजूदगी के नियम तोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि इन सबके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है?