...जब चीनी दूतावास के बाहर 800 भेड़ें लेकर पहुंच गए थे अटल बिहारी वाजपेयी
भारत और चीन के बीच इन दिनों सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से अंदर घुस आया है। पहले भी चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है। 1962 के युद्ध के तीन साल बाद चीन ने भारतीय सैनिकों पर भेड़ चोरी करने का आरोप लगाकर घुसपैठ करने का प्रयास किया था। इस आरोप पर अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसा जवाब दिया कि चीन बौखला गया।
1965 में चीन ने लगाया था भेड़ चोरी का आरोप
यह भारत-चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के तीन साल बाद की बात है। 1965 के अगस्त-सितंबर में चीन ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने उसकी भेड़ें और याक चुरा लिए हैं। चीन का यह आरोप ऐसे समय में आया था, जब वह सिक्किम पर अपनी नजरें गड़ाए बैठा था और अपना विस्तार करना चाहता था। दूसरी तरफ भारत पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में हो रही अवैध घुसपैठ को रोकने में व्यस्त था।
भेड़ों का झुंड लेकर चीनी दूतावास के बाहर पहुंचे वाजपेयी
इंडिया टूडे के मुताबिक, 1965 में चीन ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन की 800 भेड़ें और 59 याक चुरा लिए हैं। भारत ने पत्र का जवाब देतेे हुए आरोपों का खंडन किया था, लेकिन जन संघ के 42 वर्षीय नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसा कदम उठाया कि चीन बुरी तरह बौखला गया। दरअसल, वाजपेयी ने 800 भेड़ों के झुंड का इंतजाम किया और दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के बहर पहुंच गए।
चीन ने नाराज होकर भारत को लिखा पत्र
दूतावास के बाहर पहुंची सभी भेड़ों के गले में तख्ती लटकी थी जिस पर 'मुझे खा लो पर दुनिया को बचा लो' लिखा था। चीन ने वाजपेयी के इस कदम से नाराज होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व वाली सरकार को एक और पत्र लिखा। इसमें उन्होंने वाजपेयी के प्रदर्शन को चीन की 'बेइज्जती' बताया और आरोप लगाया कि शास्त्री सरकार के समर्थन के बिना ऐसा प्रदर्शन संभव नहीं है।
चीन के पत्र का भारत ने क्या जवाब दिया
भारत ने इसका जवाब देते हुए इस बात की पुष्टि की कि दिल्ली के कुछ नागरिकों ने 800 भेड़ों के साथ प्रदर्शन किया था। साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि भारत सरकार का इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था। यह एक अचानक हुआ शांतिपूर्ण और मजाकिया प्रदर्शन था, जो चीन की भारत के खिलाफ युद्ध की धमकियों के प्रति दिल्ली के नागरिकों की भावना को प्रदर्शित कर रहा था।
तिब्बती लोगों के भारत आने से परेशान था चीन
चीन ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने तिब्बत के चार लोगों का अपहरण कर लिया है। इसके जवाब में यहां की सरकार ने कहा कि बाकी तिब्बती शरणार्थियों की तरह इन चार लोगों ने भी अपनी मर्जी से भारत आकर यहां शरण ली है। वो अपनी मर्जी के अनुसार कभी भी चीन जाने के आजाद हैं। इन चार में दो महिलाएं थीं, जिनके भारत आने को लेकर चीन काफी नाराज था।
चर्चा का विषय बना रहा था वाजपेयी का प्रदर्शन
दरअसल, भेड़े चराने वाली इन दोनों महिलाओं ने भारत आकर चीनी अधिकारियों और सैनिकों के खिलाफ शोषण और अत्याचार की शिकायत की थी। चीन चाहता था कि भारत इन महिलाओं और अन्य लोगों को उसे सौंप दे। इसी दौरान दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता चला गया। इस तनाव के बीच वाजेयी के कदम की खूब चर्चा हुई। तनाव के उन दिनों में लोग अक्सर वाजयेपी के अनोखे प्रदर्शन की चर्चा करते दिख जाते थे।