भारत किसी के दबाव में नहीं आएगा, सीमा सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण- विदेश मंत्री जयशंकर
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान के आतंकवाद और चीन के सीमा सीमा हुई आक्रमक झड़पों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत किसी के दबाब में नहीं आएगा और सीमा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक करके इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था।
दुर्गम इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा करने में जुटे हैं हजारों सैनिक- विदेश मंत्री
जयशंकर चेन्नई में तमिल साप्ताहिक 'तुगलक' की 53वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "चीन उत्तरी सीमाओं पर आज बड़े पैमाने पर सैन्य घुसपैठ और हमारी सीमाओं का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। कोरोना महामारी बावजूद सीमा पर हमारी जवाबी कार्रवाई काफी मजबूत थी। दुर्गम इलाकों में तैनात हजारों सैनिकों ने हमारी सीमाओं की रक्षा की और वे आज भी वह पूरी तत्परता के साथ सीमाओं पर डटे हैं।"
किसी के दबाव में नहीं आएगा भारत- एस जयशंकर
जयशंकर ने कहा, "देश की खुशहाली के कई पहलू हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा निस्संदेह इसका बुनियादी आधार है। इस संबंध में सभी देशों की परख की जाती है, लेकिन हमारे सामने उग्रवाद से लेकर सीमा पार आतंकवाद तक कई समस्याएं थीं। बालाकोट के हवाई हमलों ने बहुत जरूरी संदेश दिया है।" उन्होंने कहा, "भारत एक ऐसा देश है, जो किसी के दबाव में नहीं आएगा और यह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेगा।"
कोरोना वैक्सीन के अनुसंधान में दुनिया ने माना भारत का लोहा- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भारत में बनी वैक्सीन और उसके अनुसंधान का लोहा पूरी दुनिया ने माना है और इस वैक्सीन को 150 से ज्यादा देशों को मुहैया कराया गया। उन्होंने कहा, "आपको आश्चर्य हो सकता है कि विदेश मंत्री इन सब के बारे में क्यों बात कर रहे हैं। मेरी विदेश यात्रा के दौरान, मैंने कई विकसित देशों को आपूर्ति की गई हमारी कोरोना वैक्सीन, हमारी प्रौद्योगिकी क्षमता और अनुसंधान की तारीफ सुनी है।"
भारत ने बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर की थी एयर स्ट्राइक
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला हुआ था और 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। 26 फरवरी को वायुसेना के जहाजों से बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर बम बरसाए गये थे और उनके तीन ठिकानों को तहस-नहस कर दिया था। इस एयरस्ट्राइक को अंजाम देने के लिए कुल 20 मिराज-2000 और सुखोई-30 विमानों को चुना गया था।