Page Loader
हाथी ने बच्ची पर किया था हमला, 20 साल बाद कोर्ट ने दिया मुआवजे का आदेश

हाथी ने बच्ची पर किया था हमला, 20 साल बाद कोर्ट ने दिया मुआवजे का आदेश

Feb 02, 2021
08:30 pm

क्या है खबर?

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने एक मंदिर के हाथी द्वारा हमले में तीन वर्षीय बालिका के घायल होने के मामले में 20 साल बाद राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार ने वर्तमान में 23 वर्षीय पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने तथा जीवन बसर के लिए अनुकंपा नौकरी देने के आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी एजेंसी की लापरवाही से नुकसान होने पर सरकार जिम्मेदार है।

प्रकरण

साल 1999 में अरुलमिगु मारीअम्मन मंदिर में हाथी ने किया था हमला

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार साल 1999 में पीड़िता अपने माता-पिता के साथ अरुलमिगु मरीअम्मन मंदिर गई थी। उस समय पीड़िता महज तीन साल की थी। उसी दौरान वहां मौजूद हाथी ने लोगों पर हमला शुरू कर दिया। इसमें तीन वर्षीय मासूम भी हाथी की चपेट में आ गई थी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उसका लंबा उपचार चलने के बाद भी उकसे गले में स्थाई चोट रह गई। इससे वह सामान्य जीवन नहीं जी पा रही है।

जानकारी

बालिका के पिता ने मद्रास हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका

मामले में बालिका के पिता ने उसका उपचार कराने के साथ-साथ सरकार से मुआवजे की मांग के लिए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद अब हाई कोर्ट ने सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

फैसला

हाई कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस कृष्णन रामासामी ने कहा कि जीने का मतलब केवल सांस लेना या पशु की तहर जीवित रहना नहीं है। मेडिकल रिकॉर्ड से साफ होता है कि हाथी के हमले से पीड़िता की सांस और भोजन नली क्षतिग्रस्त हो गई थी और उसका लेरिंजोफैरिंजियल ट्रॉमाटिक चोट के रूप में उपचार किया गया था। इसका कुल नौ अस्पतालों में उपचार चला था। सांस लेने के लिए पीड़िता के गले में ट्रेसील ट्यूब डाली गई थी।

टिप्पणी

सरकारी एजेंसी की लापरवाही के लिए सरकार जिम्मेदार- हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा कि स्वस्थ्य और सक्रिय जीवन जीना प्रत्येक इंसान की इच्छा होती है। यदि किसी सरकारी एजेंसी की लापरवाही से किसी के जीवन को नुकसान पहुंचता है या फिर स्थाई विकृति आती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा और उसकी शैक्षिक योग्यता (BE) के अनुसार उसे किसी भी मंदिर या कार्यालय में कम्प्यूटर संबंधी नौकरी देनी होगी।

खारिज

हाई कोर्ट ने खारिज की सरकार की दलील

मामले में हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की दलील को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा था कि हाथी के हमला करने के दौरान पीड़िता और उसकी मां एक कचरा वाहन में गिर गए थे। इसके चलते उसे चोट लगी थी, लेकिन तत्कालीन घटना पर समाचार पत्रों की कटिंग और पीड़िता की चोट लगी फोटो के आधार पर हाई कोर्ट ने सरकार के दावों को खारिज कर दिया और जल्द से जल्द मुआवजा और नौकरी देने का आदेश दिया है।