असम: दीमा हसाओ में उग्रवादियों ने पांच ट्रक चालकों को जिंदा जलाया, सर्च अभियान जारी
असम के दीमा हसाओ जिले में गुरुवार रात को बड़ी ही सनसनीखेज घटना सामने आई है। जिले में लंका रोड स्थित दिसमाओ गांव के पास कथित तौर पर दीमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के उग्रवादियों ने सात ट्रकों को रोककर फायरिंग की और उसके बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया। इसमें पांच ट्रक चालक जिंदा जल गए, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से झुल गया। पुलिस ने झुलसे ट्रक चालक को अस्पताल में भर्ती कराया है।
कोयला ले जा रहे ट्रकों को बना निशाना
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक (SP) जयंत सिंह ने बताया कि गुरुवार रात आठ बजे सात ट्रक कोयला लेकर उमरांगसो से लंका जा रहे थे। उसी दौरान दिसमाओ गांव के पास DNLA के उग्रवादियों ने ट्रक को रोक लिया और उनक पर पहले फायरिंग की और फिर सभी को आग के हवाले कर दिया। इसमें पांच ट्रक चालक जिंदा जल गए और एक अन्य झुलस गया। एक ट्रक चालक भागने में सफल हो गया।
पूरे इलाके में चलाया जा रहा है सर्च अभियान
SP सिंह ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम करा दिया है और उग्रवादियों की तलाश में पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसमें असम राइफल्स के जवानों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि खूफिया सूचना के आधार पर इस हमले को DNLA के उग्रवादियों ने अंजाम दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही उग्रवादियों को पकड़ लिया जाएगा। घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है।
1990 से 2000 के बीच उग्रवाद का केंद्र रहा था दीमा हसाओ
दीमा हसाओ का पहाड़ी जिला भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद द्वारा संचालित है। 1990 और 2000 के दशक में यह उग्रवाद का केंद्र था, लेकिन बाद में यहां शांति स्थापित हो गई थी। 1991 में दिमासा राष्ट्रीय सुरक्षा बल के गठन के साथ यहां विद्रोह की आग भड़की थी। इस संगठन का उद्देश्य 'दिमाराजी' नामक एक अलग राज्य बनाना था। बाद में इसकी सशस्त्र शाखा, ब्लैक विडो भी सक्रिय हो गई थी।
2019 में हुआ था DNLA का गठन
साल 2000 में दिमासा राष्ट्रीय सुरक्षा बल और अन्य उग्रवादी संगठनों ने सरकार के साथ युद्ध विराम पर हस्ताक्षर कर दिए थे। उसके बाद से क्षेत्र में शांति स्थापित हो गई थी, लेकिन 15 अप्रैल, 2019 को DNLA ने अपने गठन की घोषणा कर दी। उस दौरान संगठन ने कहा था वह राष्ट्रीय संघर्ष को पुनर्जीवित करने और एक संप्रभु, स्वतंत्र दिमासा राष्ट्र की मुक्ति के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उसके बाद क्षेत्र फिर से अशांत हो गया।
दीमासा जनजाति के लिए स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है DNLA का उद्देश्य
बता दें कि DNLA असम की ब्रह्मपुत्र घाटी के सबसे शुरुआती निवासियों और शासकों में से एक है। यह संगठन दीमासा जनजाति का संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहता है। वर्तमान में यह जनजाति असम के दीमा हसाओ, कार्बी आंगलोंग, कछार और नागांव जिलों के साथ-साथ नागालैंड के कुछ हिस्सों में रहती हैं। संगठन ने कहा था कि वह दीमासा के बीच भाईचारे की भावना विकसित करना और दिमासा साम्राज्य को पुन स्थापित करना चाहता है।