राजस्थान: हाई कोर्ट द्वारा सुरक्षा देने के बावजूद पिता ने कर दी बेटी की हत्या
क्या है खबर?
राजस्थान के दौसा जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। वहां 15 दिन पहले अपनी बेटी का कन्यादान करने वाले पिता ने उसके किसी अन्य युवक के साथ जाने को लेकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।
चौंकाने वाली बात यह रही कि युवती और उसके प्रेमी को राजस्थान हाई कोर्ट ने सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए थे।
इसके बाद भी वारदात को अंजाम दिया जाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
प्रकरण
शादी के बाद प्रेमी के साथ चली गई थी युवती
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दौसा पुलिस अधीक्षक (SP) अनिल कयाल ने बताया कि मृतका पिंकी (18) पुत्री शंकरलाल सैनी है।
वह दौसा कॉलेज में BA प्रथम वर्ष की छात्रा थी। उसका शहर निवासी रोशन महावर (24) के साथ प्रेम संबंध था।
पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था और उसने 16 फरवरी को पिंकी की किसी अन्य के साथ शादी कर कन्यादान कर दिया था। पगफेरे की रस्म पर पिंकी के वापस लौटने पर वह रोशन के साथ चली गई।
हाई कोर्ट
पिंकी और रोशन ने राजस्थान हाई कोर्ट से मांगी थी सुरक्षा
पिंकी के रोशन के साथ जाने के बाद दोनों ने अपनी जान के खतरे को देखते हुए जयुपर में राजस्थान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इसके बाद 26 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने दोनों के व्यस्क होने को देखते हुए पुलिस को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने तथा जहां भी वह जाना चाहते हैं, वहां पहुंचाने के आदेश दे दिए।
इसके बाद पिंकी और रोशन निश्चिंत होकर दौसा स्थित अपने घर वापस लौट आए।
अपहरण
परिजनों ने रोशन के घर से किया पिंकी का अपहरण
SP कयाल ने बताया कि रोशन और पिंकी की 1 मार्च को दौसा लौटते ही पिंकी के पिता और उसके रिश्तेदार रोशन की घर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने रोशन के परिजनों से मारपीट की और पिंकी को जबरन अपने साथ ले गए। इसके बाद शंकर लाल ने पिंकी को अपने ससुराल जाने के लिए समझाया, लेकिन वह नहीं मानी।
इससे गुस्सा होकर शंकर लाल और उसके रिश्तेदारों ने बुधवार रात उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।
जानकारी
पिता ने कोतवाली थाना पहुंचकर दी हत्या की सूचना
SP कयाल ने बताया कि हत्या के बाद पिता शंकरलाल कोतवाली थाने पहुंचा और बेटी की हत्या करने की बात कही। एक बारगी तो पुलिस चौंक गई और फिर शंकरलाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके घर से पिंकी का शव बरामद कर लिया।
कार्रवाई
रोशन के परिजनों ने 11 लोगों के खिलाफ दर्ज कराया मामला
SP कयाल ने बताया कि मामले में रोशन के पिता ने शंकरलाल सहित 11 जनों के खिलाफ हत्या, अपहरण, आपराधिक धमकी, 1.2 लाख रुपये चुराने और अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि पिंकी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साबित हो रहा है कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
आरोप
रोशन के अधिवक्ता ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
इधर, हाई कोर्ट में पिंकी और रोशन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता नवल सिंह सिकरवार ने पुलिस पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट की ओर सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश देने के बाद भी पिंकी का अपहरण कर हत्या किया जाना गंभीर मामला है।
इसी तरह रोशन ने कहा कि उसने दौसा पुलिस से पिंकी के अपहरण की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
जानकारी
रोशन ने बताया खुद की जान को खतरा
रोशन ने बताया कि अब उसकी जान को खतरा बना हुआ है। पिंकी के परिवार वालों ने उनके ती रिश्तेदारों को उसकी हत्या के लिए पैसे दिए हैं। उसने दौसा पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने और उसे सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
बयान
सामाजिक संगठनों ने की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) की राजस्थान इकाई की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा कि यह घटना बहुत ही शर्मनाक है। यह महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस और राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता की हकीकत उजागर कर रही है।
उन्होंने कहा कि पिंकी के अपहरण के बाद रोशन ने 100 नंबर पर कई फोन किए, लेकिन मदद नहीं मिली। वह दौसा SP, पुलिस उपाधीक्षक और थानाप्रभारी के निलंबन की मांग करती है।
बचाव
SP ने पुलिस पर लगाए गए आरोपों को किया खारिज
मामले में SP कयाल ने पुलिस पर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि उन्हें हाई कोर्ट द्वारा पिंकी और रोशन को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। पिंकी का अपहरण किए जाने के बाद उन्हें इस बात की जानकारी लगी थी। हाई कोर्ट के आदेशों के संबंध में उन्हें किसी भी आधिकारी चैनल के माध्यम से सूचना नहीं दी गई थी।