उत्तर प्रदेश: कानपुर में जीका वायरस का पहला मामला, वायुसेना कर्मी पाया गया संक्रमित
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि भारतीय वायुसेना के एक वारंट ऑफिसर में जीका वायरस की पुष्टि हुई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) नेपाल सिंह ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को पिछले कई दिनों से बुखार था और उसे वायुसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लक्षणों के आधार पर अस्पताल ने उनका सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा था, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आई।
जांच
संपर्क में आए लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए
वारंट ऑफिसर के ब्लड सैंपल से जीका संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद उनके संपर्क में आने वाले 22 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
जिले में जीका वायरस का मामला सामने आने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। संबंधित स्थानों के निरिक्षण के लिए टीमें भी भेजी गई हैं।
जिलाधिकारी विशाख जी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक बुलाकर जरूरी आदेश जारी किए हैं।
जानकारी
उत्तर प्रदेश का पहला मामला
जिलाधिकारी ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला है। इसकी रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ नगर निगम की टीम को फॉगिंग और मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करने को कहा गया है।
जीका वायरस
अगस्त में महाराष्ट्र में सामने आया था मामला
इससे पहले अगस्त में महाराष्ट्र के पुणे में एक महिला को जीका वायरस से संक्रमित पाया गया था। यह राज्य का पहला मामला था।
यहां संक्रमित पाई गई 50 वर्षीय महिला में जीका वायरस के साथ-साथ चिकनगुनिया की भी पुष्टि हुई थी। कुछ दिनों के इलाज के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ हो गई थी।
इससे पहले केवल केरल में इस बीमारी के मरीज पाए जा रहे थे। यहां जुलाई के बाद जीका के मरीज तेजी से बढ़े थे।
जानकारी
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। यह एडीज एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है।
रोग के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं।
भले ही इस वायरस से संक्रमित अधिकतर लोग उपचार लेने के सात दिनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर यह गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।
खतरा
जीका का इलाज उपलब्ध नहीं
जीका वायरस पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। यह एडीज एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है।
रोग के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं।
भले ही इस वायरस से संक्रमित अधिकतर लोग उपचार लेने के सात दिनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर यह गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।