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महाराष्ट्र में दर्ज हुआ जीका वायरस का पहला मामला, पुणे की महिला पाई गई संक्रमित
महाराष्ट्र में दर्ज हुआ जीका वायरस का पहला मामला

महाराष्ट्र में दर्ज हुआ जीका वायरस का पहला मामला, पुणे की महिला पाई गई संक्रमित

Aug 01, 2021
08:23 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में शनिवार को जीका वायरस का पहला मामला दर्ज हुआ। पुणे जिले के बेलसार गांव में रहने वाली एक महिला को इस वायरस से संक्रमित पाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 50 वर्षीय महिला जीका वायरस के साथ-साथ चिकनगुनिया से भी संक्रमित पाई गई है। केरल के बाद जीका वायरस का मामला दर्ज करने वाला महाराष्ट्र देश का दूसरा राज्य है। केरल में अब तक 63 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

जानकारी

क्या है जीका वायरस?

जीका वायरस पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। यह एडीज एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। रोग के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। भले ही इस वायरस से संक्रमित अधिकतर लोग उपचार लेने के सात दिनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर यह गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।

जीका वायरस

अब ठीक हो चुकी है महिला

महिला को मध्य जुलाई में बुखार हुआ था। उसके बाद हुए टेस्ट में वह जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है। जीका वायरस का मामला दर्ज होने के बाद राज्य के जनस्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया था। सर्विलांस अधिकारी डॉ प्रदीप अवाटे ने कहा कि महिला पूरी तरह ठीक हो चुकी है और उसमें कोई लक्षण नहीं है। विभाग ने स्थानीय अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बैठक कर उन्हें बीमारी के बारे में जानकारी दी।

जानकारी

गर्भवती महिलाओं से सावधानी बरतने को कहा गया

जीका संक्रमण का मामला सामने आने के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की एक टीम ने गांव का दौरा किया और 41 सैंपल इकट्ठे किए। इनमें से 25 लोगों में चिकनगुनिया और तीन लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। डॉ अवाटे ने कहा कि विभाग ने बेलसार गांव के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से सैंपल इकट्ठा किए हैं और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।

पुणे

जिला प्रशासन ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं

इसी बीच पुणे जिला प्रशासन ने कहा है कि लोगों को जीका वायरस के कारण घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "फील्ड टीमों की मदद से संक्रमण का पता लगा लिया गया था। हम संक्रमण को रोकने और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए काम कर रहे हैं।" विशेषज्ञों का कहना है कि जीका के लक्षण लगभग सात दिन तक रहते हैं और अधिकतर लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

जीका का इलाज

ये सावधानियां बरतने की जरूरत

बता दें कि जीका वायरस का कोई विशिष्ट उपचार या वैक्सीन मौजूद नहीं है। इसलिए डॉक्टर इसके लक्षणों के आधार पर उपचार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए लगातार पानी और अन्य तरल पदार्थ पीना चाहिए। बुखार या दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक दवाइयां लेनी चाहिए। संक्रमित होने पर पूरी तरह से आराम करना चाहिए।