नागालैंड फायरिंग: सेना की यूनिट के खिलाफ FIR दर्ज, लिखा- नागरिकों की हत्या करना मकसद था
मोन जिले में सुरक्षाबलों की फायरिंग में 14 लोगों की मौत के मामले में नागालैंड पुलिस ने सेना की एक पूरी यूनिट के खिलाफ FIR दर्ज की है। अपनी FIR में पुलिस ने कहा है कि सेना की 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने बिना किसी उकसावे के ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग की और उनका मकसद नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था। पुुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर ये FIR दर्ज की है।
FIR में क्या कहा गया है?
नागालैंड पुलिस ने अपनी FIR में कहा है कि सुरक्षाबलों ने कोयले की खदान में काम करके लौट रहे ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग की। FIR में कहा गया है कि घटना के समय मौके पर कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुरक्षाबलों ने पुलिस स्टेशन से ऑपरेशन के लिए पुलिस गाइड उपलब्ध कराने का कोई अनुरोध किया था। पुलिस के अनुसार, इससे साफ होता है कि सुरक्षाबलों को मकसद नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था।
AFSPA के तहत आता है मोन जिला, बिना केंद्र की मंजूरी के नहीं हो सकता मुकदमा
बता दें कि म्यांमार से सटा मोन जिला सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) के तहत आता है। इस कानून के तहत जब तक केंद्र सरकार मंजूरी नहीं देती, तब तक किसी भी जवान पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
मोन जिले में क्या हुआ था?
शनिवार को मोन जिले में एक उग्रवाद-रोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने तिरू-ओटिंग रोड के पास काम से लौट रहे ग्रामीणों को गलती से उग्रवादी समझ कर उनके वाहन पर फायरिंग कर दी थी। घटना की जानकारी मिलने पर गुस्साए लोगों ने जवानों पर हमला कर दिया था और अपनी आत्मरक्षा में जवानों को एक बार फिर से फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कुल 14 ग्रामीण मारे गए थे, वहीं एक जवान की भी मौत हुई।
मामले की जांच के लिए SIT का गठन
राज्य सरकार मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित कर चुकी है जो अपर पुलिस महानिदेशक संदीप एम तामगाडगे की देखरेख में जांच करेगी। सेना ने भी मामले में अपने स्तर पर उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सेना ने घटना पर दुख भी व्यक्त किया है। राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा
नागालैंड सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। ये मुआवजा रविवार रात परिजनों को सौंप दिया गया। घायलों को 50,000 रुपये दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है, हालांकि स्थिति काबू में है। अफवाहों के कारण कानून-व्यवस्था न बिगड़े, ये सुनिश्चित करने के लिए मोन जिले में इंटरनेट, डाटा और SMS सेवाओं को बंद कर दिया गया है।