म्यांमार की सरकार ने कहा- आपात स्थिति के लिए तैयार रहें, मिजोरम में घुसे हजारों लोग
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और विद्रोही गुट पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस (PDF) के बीच लड़ाई उग्र होती जा रही है। अब म्यांमार की सरकार ने पूर्व सैनिकों और अधिकारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। 12 नवंबर से जारी इस लड़ाई का असर भारत पर भी हो रहा है। करीब 5,000 लोग सीमा पार कर भारत के राज्य मिजोरम में घुस आए हैं।
सरकार का आदेश- आपात स्थिति के लिए रहें तैयार
राजधानी नेपीताव में प्रशासनिक परिषद के सचिव टिन माउंग स्वे ने कहा, "जुंटा ने सभी सरकारी कर्मचारियों और पूर्व सैन्य कर्मियों को आपातकालीन स्थितियों का जवाब देने के लिए इकाइयां बनाने का आदेश दिया था। अगर जरूरी हुआ तो ऐसी इकाई को बाहर जाकर प्राकृतिक आपदाओं और सुरक्षा के लिए काम करने की आवश्यकता हो सकती है।" ये आदेश सभी रकारी कर्मचारियों और सैन्य अनुभव वाले लोगों को जारी किया गया है।
म्यांमार सेना के 45 जवानों ने मिजोरम पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
PDF ने म्यांमार सेना की 2 चौकियों पर हमला कर उन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद सेना के 39 जवानों ने मिजोरम में शरण ली और मिजोरम पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। अब तक सेना के 45 जवान आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस ने इन्हें भारतीय सेना को सौंपा और बाद में इन्हें वापस म्यांमार भेज दिया गया है। BBC से बात करते हुए मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (IG) लालबियाक्तगंगा खिआंगते ने इसकी पुष्टि की है।
5,000 से ज्यादा लोग मिजोरम में घुसे
14 नवंबर को म्यांमार की सेना ने मिजोरम की सीमा से सटे इलाकों में एयर स्ट्राइक की। इसके बाद सीमा पार से करीब 5,000 लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। 14 नवंबर को IG ने कहा था, "5000 से अधिक लोगों ने सीमा के पास शरण ली है। हमारे लगभग 20 नागरिक घायल भी हुए हैं। 8 को आइजोल लाया गया है।" रिपोर्ट के मुताबिक, गोली लगने से म्यांमार के एक नागरिक की मौत भी हो गई है।
भारत सरकार ने हालात पर जताई चिंता
म्यांमार के हालातों पर भारत सरकार ने चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आरिंदम बागची ने कहा, "हम अपनी सीमा के नजदीक ऐसी घटनाओं से बेहद चिंतित हैं। म्यांमार में मौजूदा स्थिति पर हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। हम हिंसा को खत्म करना और स्थिति की बहाली या रचनात्मक बातचीत के माध्यम से स्थिति का समाधान चाहते हैं। हम म्यांमार में शांति, स्थिरता और लोकतंत्र की वापसी के लिए अपना आह्वान दोहराते हैं।"
मिजोरम में शरण लिए हुए हैं म्यांमार के 31,000 नागरिक
2021 में म्यांमार में तख्तापलट के बाद से 31,364 लोग वहां से भागकर मिजोरम आ गए हैं। ये लोग राज्य के सिहमुई शिविर में रहते हैं और ज्यादातर शरणार्थी म्यांमार के चिन राज्य के हैं। मिजोरम के गृह मंत्रालय के अनुसार, इनमें से अधिकांश राहत शिविरों में रहते हैं, जबकि कुछ अपने रिश्तेदारों के घरों और कुछ किराए के मकानों में रहते हैं। सितंबर तक राज्य सरकार इनके खाने-पीने का खर्च उठाती थी, जो अब बंद कर दिया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
म्यांमार में नवंबर, 2020 में आम चुनाव हुए थे। इसमें लोकप्रिय नेता आंग सान सू की पार्टी को जीत मिली थी और सेना द्वारा समर्थित पार्टी की हार हुई थी। चुनावों के बाद सेना ने नतीजों पर सवाल उठाए और चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। बाद में सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और सेना ने तख्तापलट कर दिया। सेना ने 2 साल के लिए देश में आपातकाल लगा दिया।