अडाणी समूह के बाद हिंडनबर्ग का अगला निशाना बना सुपर माइक्रो कंप्यूटर, चौंकाने वाले खुलासे किए
भारत में अडाणी समूह को लेकर सनसनीखेज खुलासा करने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब अमेरिका की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी सुपर माइक्रो को लेकर कई आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसे अज्ञात लेन-देन के सबूत मिले हैं। साथ ही प्रतिबंधों, निर्यात नियंत्रण विफलताओं और ग्राहकों से जुड़े मुद्दों पर भी चौंकाने वाली चीजें पता चली हैं। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि उसने 3 महीने की जांच में यह गड़बड़ियां पाई हैं।
जांच में किन चीजों की पड़ताल की?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने बताया कि 3 महीने की जांच के दौरान कंपनी के पूर्व वरिष्ठ कर्मचारियों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार किया गया। इसके अलावा मुकदमेबाजी रिकॉर्ड, अंतरराष्ट्रीय कॉरपोरेट और सीमा शुल्क रिकॉर्ड की समीक्षा की गई। इस दौरान कंपनी के स्पष्ट लेखांकन में कमी, अघोषित संबंधित पार्टी से लेनदेन के साक्ष्य में भी गड़बड़ी मिली। इस खुलासे के बाद नैस्डैक में सूचीबद्ध इस कंपनी के शेयरों में 27 अगस्त को 4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
हिंडनबर्ग एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। कंपनी का कहना है कि वो वित्तीय घोटालों, कॉरपोरेट गड़बड़ियों और संभावित धोखाधड़ी की गतिविधियों का पर्दाफाश करने में माहिर है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य उन कंपनियों को बेनकाब करना है, जो निवेशकों को गुमराह कर सकती हैं। हिंडनबर्ग शॉर्ट सेलिंग कर वित्तीय लाभ भी कमाती है। पिछले दिनों अडाणी और निवेश फर्म इकान एंटरप्राइजेज के खुलासे के बाद उनके शेयर गिरे थे।
सुपर माइक्रो के बारे में जानें
सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक का मुख्यालय अमेरिका में सिलिकॉन वैली, कैलीफोर्निया में है। कंपनी 2,938 अरब रुपये की सर्वर निर्माता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आने के बाद कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। कंपनी 22 जुलाई, 2024 को नैस्डैक में सूचीबद्ध हुई है।