जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल गिरफ्तार, 538 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में ED की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर 538 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। ED ने आज सुबह गोयल को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है। 2 सितंबर को ED उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। इससे पहले भी उन्हें 2 बार पूछताछ के लिए तलब किया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे।
क्या है मामला?
दरअसल, ये कार्रवाई कैनरा बैंक की शिकायत के आधार पर की गई है। 11 नवंबर, 2022 को बैंक ने नरेश गोयल, अनीता गोयल, गौरंग आनंद शेट्टी और अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया था। बैंक ने कहा था कि इस वजह से उसे 538 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गोयल और अन्य लोगों पर FIR दर्ज की थी।
CBI और ED ने मारा था गोयल के ठिकानों पर छापा
5 मई को CBI ने गोयल के आवास और कार्यालयों सहित मुंबई में 7 स्थानों पर तलाशी ली थी। इसके बाद जुलाई में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए भी गोयल के ठिकानों पर छापा मारा था। तब ED ने भारतीय और विदेशी मुद्रा जब्त की थी। ED ने एक बयान में कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि भी जब्त की है।
2019 से बंद है जेट एयरवेज
जेट एयरवेज ने अप्रैल, 2019 में आखिरी उड़ान भरी थी। तब कंपनी पर कई बैंकों का करीब 8,500 करोड़ रुपये का कर्ज था। कंपनी की लगातार खराब होती हालत के बाद नरेश गोयल और उनकी पत्नी को कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा था। तब अपनी उड़ानें रद्द करते हुए कंपनी ने कहा था कि संचालन के लिए उसके पास पैसा नहीं बचा है। कर्ज नहीं मिल पाने के कारण वह अपने फ्लाइट ऑपरेशन को जारी नहीं रख सकती।
न्यूजबाइट्स प्लस
जेट एयरवेज की शुरुआत एयर टैक्सी के रूप में हुई थी। नरेश गोयल के नेतृत्व में कंपनी ने 4 जहाजों के बेड़े के साथ अपनी शुरुआत की थी। 5 मई, 1993 को कंपनी की पहली फ्लाइट ने मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी। दिसंबर 2018 तक जेट एयरवेज के पास बोइंग 777 और एयरबस A330, सिंगल B737 और टर्बोप्रॉप ATR के साथ कुल 124 एयरक्राफ्ट थे। 2007 में जेट एयरवेज ने एयर सहारा का अधिग्रहण किया था।