हैदराबाद: कोरोना संक्रमित की मौत होने से गुस्साए परिजनों ने किया जूनियर डॉक्टरों पर हमला
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के गांधी जनरल अस्पताल में मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने पर उसके परिजनों ने जमकर बवाल किया। इस अस्पताल को कोरोना वायरस मरीजों की उपचार के लिए नोडल बनाया गया है। मंगलवार को एक 55 वर्षीय मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया। इसके विरोध में बुधवार को डॉक्टर धरने पर बैठ गए।
मरीज की मौत होने पर किया डॉक्टरों पर हमला
नॉर्थ जोन के पुलिस उपायुक्त (DCP) कलमेश्वर शिंगनवर ने बताया कि मंगलवार शाम को कारवां गांव निवासी एक मरीज की शौचालय जाने के दौरान गिरने से मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। इस दौरान मरीज के दो परिजनों ने AMC वार्ड में तैनात जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया। हालांकि, इस दौरान अन्य डॉक्टरों के आ जाने से किसी डॉक्टर को चोट नहीं आई।
डॉक्टरों ने धरने पर बैठकर जताया विरोध
घटना के विरोध में सभी जूनियर डॉक्टर बुधवार सुबह अस्पताल के आगे धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंदर और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को ज्ञापन भेजकर डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने तथा अतिरिक्त चिकित्साकर्मियों की भर्ती करने की मांग की। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह रोगी था। उसे बिस्तर नहीं छोड़ने की सलाह दी थी, लेकिन वह शौचालय चल गया। उस दौरान गिरने से उसकी मौत हो गई।
शरीर में खिंचाव आने से गिरा मरीज
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि पिछले दो दिन से मरीज की हालत गंभीर बनी हुई थी। चेतावनी के बाद भी शौचालय चला गया और शरीर में खिंचाव पड़ने से वह गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। अस्पताल में मौजूद उनके दो रिश्तेदार सुरक्षा तोड़कर डॉक्टरों के कमरे में आ गए और फिर प्लास्टिक के स्टूल और लोहे की छड़ से पिटाई की। उन्होंने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर सुरक्षित नहीं है।
यहां देखें डॉक्टरों के विरोध का वीडियो
घटना को लेकर पुलिस ने किया अपना बचाव
DCP शिंगनवर ने घटना को लेकर पुलिस का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है और मौत के बाद परिजनों को अस्पताल परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी गई थी। उनके अनुसार कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ जिससे डॉक्टरों को चोट लगी हो। उन्होंने बताया कि मामले दोषी मृतक के बेटे और बहनोई को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज किया मामला
DCP शिंगनवर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 और तेलंगाना मेडिकेयर सर्विस पर्सन्स एंड मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस (हिंसा की रोकथाम और संपत्ति को नुकसान) की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डॉक्टरों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि घटना के करीब 20 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। अस्पताल के ICU वार्ड में 65 मरीज भर्ती है। ऐसे में फिर से इस तरह की घटना हो सकती है। उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। DCP शिंगनवर ने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में 200 पुलिसकर्मी तैनात है। घटना के समय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बदल रही थी। इसी दौरान यह घटना हो गई। पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है।
डॉक्टरों ने सरकार से की चिकित्साकर्मियों की भर्ती की मांग
तेलंगाना जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JUDA) के एक पदाधिकारी ने कहा कि गांधी अस्पताल के प्रत्येक ICU वार्ड और सभी मंजिलों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। इसी तरह उन्होंने अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टॉफ, वॉर्ड बॉय और मरीजों की देखभाल करने वाले अतिरिक्त कर्मचारियों की शीघ्र भर्ती करने की भी मांग की है। उन्होंने पर्याप्त मात्रा में PPE किट और N-95 मास्क भी मुहैया कराने की मांग की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से की आंदोलन वापस लेने की अपील
डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र ने सभी डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन देने हुए अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह मुख्यमंत्री से बात कर डॉक्टरों की समस्या का समाधान कराएंगे।
तेलंगाना में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
बता दें कि तेलंगाना में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,920 हो गई और अब तक 148 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में यहां 1,963 सक्रिय केस हैं। गौरतलब है कि गत 2 अप्रैल को भी इस अस्पताल में एक कोरोना मरीज की मौत होने के बाद एक परिजन ने डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी थी। उस दौरान भी डॉक्टरों ने विरोध जताया था।