कोरोना वायरस: आइसोलेशन वार्ड में तैनात डॉक्टर दंपति ने दिया इस्तीफा, मिली कार्रवाई की चेतावनी
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी ही तेजी से फैल रहा है। इससे बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 12 बजे से पूरे भारत को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। इसी बीच झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से चौंकाने वाले खबर आई है। वहां के एक सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर दंपति ने कोरोना के उपचार के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी लगाने से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे के बाद डॉक्टर दंपति को मिली कार्रवाई की चेतावनी
पश्चिम सिंहभूम की सिविल सर्जन डॉ मंजू दुबे ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में तैनात डॉ आलोक तिर्की और उनकी पत्नी डॉ सौम्या ने व्हॉट्सऐप और ईमेल की जरिए अपना इस्तीफा दिया था। स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी के निर्देश पर उन्होंने डॉ तिर्की को 24 घंटे में फिर से ड्यूटी ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ झारखंड महामारी रोग (COVID-19) विनियमन और महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निरस्त किया जा सकता है डॉक्टर दंपति का पंजीकरण
डॉ मंजू दुबे ने बताया कि डॉ तिर्की और उनकी पत्नी के काम पर नहीं लौटने से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के द्वारा उनका पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है। इससे भविष्य में वह प्रेक्टिस भी नहीं कर पाएंगे।
"अन्य किसी भी डॉक्टर ने नहीं है कोई परेशानी"
डॉ मंजू दुबे ने बताया कि डॉ तिर्की पहले खनिज निधि ट्रस्ट में कार्यरत थे, लेकिन उन्होंने नव-निर्मित दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) में आने के लिए इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्होंने DMCH से भी इस्तीफा दे दिया और कुछ दिन पहले ही यहां सदर अस्पताल को ज्वाइन किया था। तीन दिन पहले ही उन्हें आइसोलेशन वार्ड में तैनात किया गया था। तिर्की दंपती के अलावा कार्यरत अन्य 23 डॉक्टरों में से किसी को परेशानी नहीं है।
डॉ तिर्की ने लगाया ऑफिस पॉलिटिक्स का आरोप
डॉ. तिर्की का आरोप है कि वह ऑफिस पॉलिटिक्स का शिकार थे। इसके अलावा उनकी पत्नी और बहन एक इम्यूनोसप्रेसिव (प्रतिरक्षा को दबाने वाली) अवस्था में हैं और उनमें संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा है। इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। उनकी बहन का हाल ही में गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था। उन्होंने कहा कि वैसे भी वे भागने वाले नहीं है और फिलहाल अपनी सेवाएं देंगे, लेकिन कोरोना संकट के खत्म होने बाद वो इस नौकरी को छोड़ देंगे।
"अस्पताल में उपलब्ध नहीं है पर्याप्त दवाइयां"
डॉ. तिर्की ने कहा कि वह चार दिन पहले ही गैर-संचारी रोग विभाग में आए थे, लेकिन अगले दिन ही उन्हें कोरोना आइसोलेशन वार्ड में अकेले तैनात कर दिया। उनका आरोप है कि अन्य डॉक्टरों को आइसोलेशन वार्ड में तैनात नहीं किया गया था और वह अकेले मरीजों को संभालने में असमर्थ थे। उन्होंने कहा कि वह बिना सुरक्षात्मक किट के पहले दिन तीन घंटे तक आइसोलेशन वॉर्ड में थे। अस्पताल में उपचार के लिए पर्याप्त दवाइयां भी नहीं है।
दुनिया में चार लाख से ऊपर पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या
बता दें कि कोरोना संक्रमण पूरी दुनिया में बड़ी तेजी से फैल रहा है। दुनिया में इससे अब तक 18,905 लोगों की मौत हो चुकी है और 4.22 लाख इससे संक्रमित है। भारत में संक्रमितों की संख्या 562 पहुंच गई है और अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां बुधवार को ही 26 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। देश में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या केरल में 95 और महाराष्ट्र में 89 है।