'कोवैक्सिन' की खुराक के बाद बच्चों को न दें दर्द निवारक गोली- भारत बायोटेक
देश में कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है। इसमें भारत बायोटेक द्वारा निर्मित वैक्सीन 'कोवैक्सिन' का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच बुधवार को कंपनी ने कहा है कि कोवैक्सिन की खुराक देने के बाद किसी भी बच्चे को दर्द निवारक या पेरासिटामोल गोली नहीं देनी चाहिए।
वैक्सीनेशन केंद्रों पर दी जा रही है दर्द निवारक गोली
बता दें कि वैक्सीन लगने के बाद इंजेक्शन की जगह या फिर बदन दर्द की शिकायत को देखते हुए बच्चों को 500mg पेरासिटामोल की तीन गोली दी जा रही है। यह स्थिति वयस्कों की वैक्सीनेशन में भी देखी गई थी। चिकित्साकर्मी लोगों को वैक्सीनेशन के बाद दर्द या बुखार की शिकायत होने पर पेरासिटामोल लेने की सलाह दे रहे थे। अब यही प्रक्रिया बच्चों के साथ अपनाई जा रही है। इसको लेकर अब कंपनी ने स्थिति स्पष्ट की है।
"वैक्सीनेशन के बाद नहीं की जाती है दर्द निवारक गोली की सिफारिश"
NDTV के अनुसार, भारत बायोटेक ने ट्वीट किया, 'हमें फीडबैक मिला है कि कुछ वैक्सीनेशन केंदों पर बच्चों के लिए कोवैक्सिन के साथ तीन पैरासिटामोल 500mg टैबलेट लेने की सिफारिश की जा रही हैं। जबकि, कोवैक्सिन के बाद पैरासिटामोल या दर्द निवारक की सिफारिश नहीं की जाती है।' कंपनी ने स्पष्ट किया, 'कुछ अन्य कोरोना वैक्सीनों के साथ पेरासिटामोल की सिफारिश की गई थी, लेकिन कोवैक्सिन के लिए इसकी सिफारिश नहीं की गई है।'
कंपनी ने ट्रायल के आंकड़े प्रस्तुत कर किया स्पष्ट
कंपनी ने कहा, '30,000 लोगों पर किए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में सामने आया था कि इसे लेने के बाद महज 10-20 प्रतिशत लोगों ने ही दुष्परिणाम की शिकायत की थी। हालांकि, इनमें से अधिकतर मामले हल्के लक्षण वाले हाते हैं और ये एक-दो दिन में ठीक हो जाते हैं। ऐसे में इसमें किसी भी दवा की आवश्यकता नहीं होती है।' कंपनी ने कहा, 'चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही दर्द निवारक दवा की सिफारिश की जाती है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने की थी बच्चों के वैक्सीनेशन की घोषणा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर की रात को देश के नाम संबोधन के दौरान ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए 3 जनवरी से 15-18 साल तक के सभी बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा की थी। उसके बाद इसकी तैयारी शुरू की गई और गत 3 जनवरी से इसकी शुरुआत कर दी गई है। अब तक देश में इस आयु वर्ग के 85 लाख बच्चों को वैक्सीनेशन की खुराक दी जा चुकी है।
बच्चों के वैक्सीनेशन में हो रहा है केवल 'कोवैक्सिन' का इस्तेमाल
बता दें देश में इस समय 15-18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन में कोवैक्सिन का इस्तेमाल हो रहा है। 24 दिसंबर को ही DGCI ने इसे कुछ शर्तों के साथ इसके 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।