दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दिया, AAP भी छोड़ी
दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे। इसके अलावा उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए AAP में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। इसे AAP के शीर्ष नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ इशारा माना जा रहा है, जो शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के लिए जेल में बंद हैं।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली AAP खुद भ्रष्टाचार में फंसी- आनंद
इस्तीफा देते हुए आनंद ने कहा कि AAP राजनीति बदलने के लिए आई थी, लेकिन राजनीति तो नहीं बदली, राजनेता बदल गए। उन्होंने कहा, "AAP का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। मैं इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता।"
आनंद ने AAP पर लगाया दलित विरोधी होने का आरोप
आनंद ने AAP पर दलित विरोधी होने और बड़े पदों पर नियुक्ति में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी में एक भी दलित विधायक या पार्षद नहीं है। दलित नेताओं को नेतृत्व वाले पदों पर नियुक्त नहीं किया जाता। मैं बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांतों का पालन करता हूं। अगर मैं दलितों के लिए काम नहीं कर सकता तो मेरा पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है।"
ED ने मारा था आनंद के घर पर छापा
पटेल नगर से विधायक आनंद AAP के पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद या पार्टी से इस्तीफा दिया है। वे खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रहे हैं। नवंबर, 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन पर हवाला के जरिए चीन पैसे भेजने और आयात दस्तावेजों में हेराफेरी करके 7 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क चोरी करने का आरोप है। ED ने नवंबर में उनके घर पर छापा भी मारा था।
कौन संभालेगा आनंद के विभाग?
आनंद के इस्तीफे के बाद सवाल उठ रहा है कि उनके विभाग कौन संभालेगा और इनका बंटवारा कैसे होगा क्योंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल तो जेल में बंद हैं। आनंद के पास सामाजिक कल्याण के साथ-साथ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST), रोजगार, श्रम और भूमि विभाग भी थे। इन्हें एक से अधिक मंत्रियों में बांटा जा सकता है। केजरीवाल की अनुपस्थिति में आतिशी ज्यादातर अहम मंत्रालय संभाल रही हैं और एक तरह से वही दिल्ली सरकार चला रही है।
कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद एक बेहद गरीब परिवार से आते हैं और गरीबी के कारण उनके माता-पिता ने उन्हें अलीगढ़ उनके नाना-नानी के यहां भेज दिया। उनके नाना कबाड़ी का काम करते थे, इसलिए यहां भी पैसे की कमी थी और उन्होंने एक ताला फैक्ट्री में बाल मजदूरी कर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाया। उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर MA और LLB की पढ़ाई का खर्च निकाला। केजरीवाल को आनंद की सादगी पसंद आई थी और उन्हें 2022 में मंत्री बनाया गया था।