पटाखों पर प्रतिबंध: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश में दखल देने से किया इनकार
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पटाखों पर प्रतिबंध के दिल्ली सरकार के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंध का मतलब पूर्ण प्रतिबंध है। कोर्ट में पटाखों पर प्रतिबंध से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी।
हाल ही में दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन बिक्री सहित) और इस्तेमाल पर प्रतिबंध को इस साल भी बरकरार रखने का निर्णय लिया था।
क्या है मामला?
क्या था मामला?
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पिछले साल अक्टूबर में दिवाली से पहले दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर पूर्ण प्रतिंबध के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने प्रतिबंध के आदेश में हस्तेक्षप करने में अनिइच्छा व्यक्ति की थी। कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने तब भी कहा था, "अपना पैसा मिठाइयों पर खर्च करें और लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें।"
दलील
तिवारी के वकील ने क्या कहा?
कोर्ट में भाजपा सांसद तिवारी के वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है और हरित पटाखों के लिए कोर्ट की मंजूरी के बाद भी यह प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आदि के दौरान भी तो पटाखे चलाने और आतिशबाजी की अनुमति दी जा रही है, जबकि कुछ राज्यों में दिवाली के त्योहार पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
कोर्ट
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने तिवारी से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में लगाए गए पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
कोर्ट की बेंच ने कहा, "स्थानीय स्तर पर अगर कोई प्रतिबंध है तो प्रतिबंध है। हम दिल्ली सरकार के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। आप दिवाली में जश्न मनाने के अन्य तरीके ढूंढ सकते हैं।"
कोर्ट
जहां प्रतिबंध नहीं, वहां जाकर पटाखे चलाएं- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी से कहा, "आप अपनी जीत का जश्न अन्य तरीकों से मना सकते हैं। बेहतर होगा कि आम लोगों की मदद के लिए कुछ करें। चुनावी नतीजों के जुलूस में समर्थक पटाखे फोड़ते हैं, लेकिन जहां भी प्रतिबंध है, वहां प्रतिबंध है।"
कोर्ट ने आगे कहा, "अगर आपका पटाखे चलाने का मन है तो ऐसे राज्य में जाएं जहां इस पर प्रतिबंध नहीं है। कृपया जहां प्रतिबंध लगाया गया है, वहां ऐसा ना करें।"
प्रतिबंध
दिल्ली में पिछले 4 साल से पटाखों पर प्रतिबंध
दिल्ली में पटाखों को चलाने के कारण होने वाले प्रदूषण को देखते हुए पिछले 4 साल से दिवाली के मौके पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
पिछले साल यह प्रतिबंध नए साल तक लागू रहा था। इस साल भी नए साल तक प्रतिबंध जारी रहने की उम्मीद है। इससे पहले 2021 में भी 28 सिंतबर से 1 जनवरी तक पटाखों पर प्रतिबंध रहा था।
2020 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने प्रतिबंध लगाया था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद लोग जमकर पटाखे जलाते हैं और इसके कारण शहर की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि यह सांस लेने लायक नहीं रहती।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से यह समस्या और बढ़ जाती है और यह दोनों चीजें सर्द मौसम के साथ मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीली बना देती हैं।
सर्दियों में लगभग हर साल यही स्थिति होती है और शहर में कोहरे जैसी प्रदूषण की एक धुंध छा जाती है।