दिल्ली: उपराज्यपाल ने अब लगाया जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच चल रहा टकराव और बढ़ सकता है। दरअसल, शनिवार को सक्सेना ने 20 करोड़ रुपये के 'गबन' के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली जल बोर्ड के प्रमुख हैं। उपराज्यपाल ने 15 दिनों के भीतर मुख्य सचिव से आरोपियों अधिकारियों की पहचान कर एक्शन रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
दिल्ली सरकार ने किया फैसले का स्वागत
उपराज्यपाल के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह 2012 से चला आ रहा मामला है और वो हर प्रकार की जांच का स्वागत करते हैं।
जल बोर्ड अधिकारियों पर क्या आरोप है?
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने पानी के बिल के तौर पर 20 करोड़ रुपये वसूले थे। इन्हें जल बोर्ड के खाते में जमा कराने के बजाय कई सालों तक एक निजी बैंक खाते में जमा कराया गया था। राजभवन की तरफ से जारी नोट में कहा गया है कि जून, 2012 में एक आदेश जारी कर जल बोर्ड ने तीन साल तक कॉर्पोरेशन बैंक को पानी के बिल जमा करने की इजाजत दी थी।
तीन साल के लिए फिर बढ़ाया गया अनुबंध
शुरुआती तीन साल बीतने के बाद 2016, 2017 और 2019 में भी इसी बैंक को बिल जमा करने दिए गए। दूसरी तरफ बैंक ने नियमों का उल्लंघन करते हुए जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर एक निजी एजेंसी मैसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को नकदी और चेक इकट्ठा करने और इसे जल बोर्ड के खाते में जमा कराने का काम सौंप दिया, जबकि इस दौरान गड़बड़ी का पता चल चुका था।
केजरीवाल के प्रमुख रहते हुए घोटाला- अधिकारी
राजनिवास ने आरोप लगाया कि 2019 में जब अरविंद केजरीवाल जल बोर्ड के प्रमुख थे, तब बैंक का अनुबंध बढ़ाते समय गड़बड़ी और अनिश्चितताएं सामने आ चुकी थीं। इसकी जानकारी होने के बावजूद बोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक और बैंक के कलेक्शन एजेंट के तौर पर काम कर रही निजी एजेंसी के अनुबंध को 2020 तक बढ़ा दिया था। अधिकारियों ने कहा कि बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह सर्विस फीस एक रुपये बढ़ा दी गई थी।
उपराज्यपाल ने 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट
एक अधिकारी ने बताया कि लोगों से इकट्ठा किए गए बिल के पैसे फेडरल बैंक में जमा किए गए और यहां से जल बोर्ड के खाते में भेजने की बजाय ये पैसे एक निजी कंपनी के खाते में भेजे गए। ऐसा करना कॉर्पोरेशन बैंक और जल बोर्ड के बीच हुए समझौते का साफ उल्लंघन है। अब उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर और उनकी जवाबदेही तय कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
जारी है AAP और सक्सेना के बीच तकरार
वीके सक्सेना के पद संभालने के बाद से ही आम आदमी पार्टी के साथ उनकी तकरार जारी है। सक्सेना ने दिल्ली सरकार के बस खरीद मामले और शराब नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए CBI जांच की सिफारिश की थी। इसे लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने उनके और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। AAP ने उपराज्यपाल पर केंद्र के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है।