सरकार की नीतियों के खिलाफ दो दिन का भारत बंद शुरू, बैंकिंग सेवाएं हुईं प्रभावित
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों द्वारा बुलाया गया दो दिन का भारत बंद आज से शुरू हो गया है। बंद के कारण देशभर में आम जनजीवन से संबंधित कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बैंकिंग सेवाओं पर भी इस बंद का असर पड़ा है और कर्मचारियों के काम पर न आने के कारण कामकाज काफी धीमे चल रहा है। कुछ इलाकों में बैंक पूरी तरह से बंद हैं। संगठनों को हड़ताल में 20 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है।
लेनदेन और चेक क्लीयरेंस में देरी की आशंका
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, आज कई सरकारी बैंकों के कर्मचारी काम पर नहीं आए हैं और इससे लेनदेन में देरी होने की आशंका है। चेक क्लीयरेंस में भी देरी हो सकती है। बंद का सबसे ज्यादा असर पूर्वी भारत में हैं यहां कई सरकारी बैंक बंद हैं। बाकी इलाकों में ज्यादातर ब्रांच खुली हुई हैं, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्राइवेट बैंकों के कामकाज पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा है।
केरल में बंद का बड़ा असर, सड़कें खाली
अन्य क्षेत्रों पर बंद के असर की बात करें तो ट्रेड यूनियनों के प्रभाव वाले केरल में सड़कें खाली पड़ी हैं और कुछ निजी वाहन ही चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। राज्य सरकार की बसें आज नहीं चल रही हैं। हालांकि आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से छूट दी गई है और पुलिस खुद बेहद जरूरी होने पर लोगों के रेलवे स्टेशन या अस्पताल पहुंचने का इंतजाम कर रही है। राज्य में अन्य सेवाएं भी ठप पड़ी हैं।
बंगाल में राज्य सरकार के दफ्तर खुले, कोलकाता में रेल पटरी जाम
पश्चिम बंगाल में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। राज्य में ट्रेड यूनियन सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने अपने सभी दफ्तर खोले हुए हैं और कर्मचारियों को काम पर आने को कहा है। ड्यूटी पर न आने वाले कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा। राज्य की वामपंथी पार्टियां बंद में शामिल हुई हैं और उनके समर्थकों ने कोलकाता में जादवपुर रेलवे स्टेशन पर पटरी जाम की।
क्यों बुलाया गया है भारत बंद?
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी, जनता विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ ये भारत बंद बुलाया है। कोयला, स्टील, तेल, टेलीकॉम, डाक विभाग, तांबे और बीमा से जुड़े कर्मचारियों इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। इसके अलावा रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली कर्मचारियों ने भी इसमें शामिल होने का फैसला लिया है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र के संगठनों के कई जगहों पर बंद का समर्थन करने की उम्मीद है।
बैंक कर्मचारी क्यों हुए हड़ताल में शामिल?
बैंक कर्मचारी सरकारी बैंकों के निजीकरण समेत अपने कई मुद्दों को लेकर इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के अनुसार, बढ़ती बेरोजगारी, कम वेतन, सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग कानून संसोधन विधेयक आदि के विरोध में वे राष्ट्रीय हड़ताल में शामिल हुए हैं। भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (BEFI) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (AIBOA) ने भी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है।