
बृजभूषण सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, यौन शोषण मामले में रद्द नहीं होगी FIR
क्या है खबर?
भाजपा नेता और कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है।
कोर्ट ने महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ दर्ज किए गए यौन उत्पीड़न मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने बृजभूषण पर सख्त टिप्पणी भी की और पूछा कि किस आधार पर वे FIR रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
टिप्पणी
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, "हर चीज पर एक सर्वव्यापी आदेश नहीं हो सकता। यदि आप हर चीज को चुनौती देना चाहते थे तो आपको मुकदमा शुरू होने से पहले ही ऐसा कर लेना चाहिए था। एक बार मुकदमा शुरू हो जाने और आरोप तय हो जाने के बाद यह एक परोक्ष तरीका है। अपने खिलाफ आरोप तय करने के आदेश और कार्यवाही को चुनौती देने के लिए एक ही याचिका क्यों दायर की है?"
दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट क्यों गए थे बृजभूषण?
दरअसल, 10 मई को ट्रायल कोर्ट ने पहलवानों की शिकायत के बाद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए थे।
बृजभूषण ने अपने खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में निचली अदालत की कार्यवाही को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
बृजभूषण ने FIR और ट्रायल कोर्ट के आदेश सहित पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है।
तर्क
बृजभूषण ने कोर्ट में क्या तर्क दिए?
बृजभूषण ने तर्क दिए कि जांच पक्षपातपूर्ण थी।
उन्होंने कहा, "जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई थी, क्योंकि केवल पीड़ितों के बयानों पर विचार किया गया, जो कि मेरे खिलाफ बदला लेने में रुचि रखते थे और इसकी परवाह किए बिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोप पत्र दायर कर दिया गया।"
बृजभूषण ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और जो आरोप अभियोजन पक्ष ने लगाए हैं, वैसा अपराध उन्होंने नहीं किया है।"
मामला
क्या है मामला?
एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इनमें गलत तरीके से छाती, स्तन, पेट और जांघ छूने जैसे आरोप शामिल हैं। इसके बाद बृजभूषण को WFI अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एक नाबालिग पहलवान ने आरोप वापस ले लिए थे।
मामले में साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों समेत कई पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था।