दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त IAS पूजा खेडकर को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत दी
दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त IAS अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ा दी है, जिससे फिलहाल के लिए खेडकर को गिरफ्तारी से राहत मिली है। इससे पहले न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को 29 अगस्त तक टाल दिया था। कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत 5 सितंबर तक बढ़ाई है।
बुधवार को खेडकर ने UPSC के खिलाफ दाखिल किया था प्रत्युत्तर
बुधवार को खेडकर ने हाई कोर्ट में UPSC की दलीलों के खिलाफ प्रत्युत्तर दाखिल कर अनी अयोग्यता को चुनौती दी और जालसाजी के आरोपों को नकारा था। खेडकर ने कहा कि उनके चयन और नियुक्ति के बाद UPSC के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं और उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई केवल केंद्र का कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) कर सकता है। उन्होंने 4 पन्नों के जवाब में बताया कि 2012-2022 तक उन्होंने अपना नाम-उपनाम नहीं बदला है।
क्या है पूजा खेडकर विवाद?
महाराष्ट्र कैडर की IAS अधिकारी पूजा खेडकर को विकलांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। UPSC ने मामले में दोषी पाते हुए भविष्य की परीक्षाओं में भाग लेने से भी रोक दिया है। इसके अलावा आयोग ने पुलिस थाने में खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दिल्ली की निचली कोर्ट में खेडकर की अग्रिम जमानत नामंजूर हो गई थी, जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंची हैं।