
दिल्ली में बिजली के बिलों में क्यों हो रही 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी? जानिए कारण
क्या है खबर?
दिल्ली के लोगों को मई और जून के महीने में भीषण गर्मी के साथ बिजली के बढ़े बिल भी पसीने छुड़ा सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगस्त में दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं के बिल बढ़कर आएंगे।
बिजली वितरण कंपनियों की ओर से विद्युत क्रय समायोजन लागत (PPAC) शुल्क में 7 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने से, इसका असर उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर भी पड़ेगा।
आइए, जानते हैं क्या है ये।
बिजली बिल
क्या है PPAC शुल्क?
PPAC शुल्क वह शुल्क होता है, जो बिजली कंपनियों द्वारा कोयला और गैस की लागत में वृद्धि से जुड़ा है। यह शुल्क उपभोक्ताओं से वसूला जाता है।
इसकी गणना का तरीका है कि इसे बिजली बिल के निर्धारित शुल्क और बिजली उपयोग करने वाली यूनिट (ऊर्जा शुल्क) के हिसाब से प्रतिशत में जोड़ा जाता है।
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने तीनों कंपनियों को मई-जून 2024 की अवधि में 2024-25 की तीसरी तिमाही के PPAC वसूलने का आदेश दिया था।
विरोध
दिल्ली में हो रहा विरोध
बताया जा रहा है कि PPAC की दरें BRPL के लिए 7.25 प्रतिशत, BYPL के लिए 8.11 प्रतिशत और TPDDL के लिए 10.47 प्रतिशत तय की गई है।
हालांकि, अभी तक DERC की मंजूर के बाद भी बढ़ोतरी पर बिलजी कंपनियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
शहर में निवासी कल्याण संघ के संयुक्त संगठन यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली (URD) ने इस बढ़ोतरी को मनमाना बताते हुए निंदा की है।
यूआरडी महासचिव सौरभ गांधी ने इसे कानूनन गलत बताया।
असर
कितना पड़ेगा जेब पर असर?
PPAC शुल्क में वृद्धि भले ही 7 से 10 प्रतिशत हो, लेकिन दिल्ली में अलग-अलग इलाकों के उपभोक्ताओं पर करीब 0.45 प्रतिशत का असर होगा, जो अगस्त महीने के बिल में जुड़कर आएगा।
जिन उपभोक्ताओं के बिल 1,000 रुपये तक आते हैं, उनको 45 रुपये का इजाफा सहना पड़ेगा और जिनके बिल 5,000 रुपये तक आते हैं, उनको 225 रुपये तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
दिल्ली में गर्मी बढ़ते ही बिजली आपूर्ति की मांग बढ़ गई है।