भारत में 10 प्रतिशत बढ़ी बिजली की लागत, 2022-23 में अब तक हुई 1,375 BU खपत
क्या है खबर?
भारत में मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल, 2022 से फरवरी, 2023 के दौरान बिजली की खपत 10 प्रतिशत बढ़कर 1,375.57 अरब यूनिट (BU) हो गई है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2021-22 में हुई बिजली की कुल खपत से भी अधिक है।
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच बिजली की खपत 1,245.54 अरब यूनिट थी, जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1,374.02 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी।
मांग
आने वाले महीनों में खपत बढ़ने का अनुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में गर्मियों के कारण बिजली की खपत उच्च मांग के मद्देनजर और अधिक बढ़ सकती है और इसके दो अंकों में बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि गर्मी के दौरान एयर कंडीशनर और अन्य उपकरणों को चलाने के लिए बिजली की और अधिक खपत होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक गतिविधियां आने वाले महीनों में बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक मांग को भी बढ़ावा देंगी।
जानकारी
अप्रैल के दौरान भी बढ़ेगी बिजली की मांग
बता दें कि ऊर्जा मंत्रालय ने इस वर्ष अप्रैल के दौरान देश में बिजली की 229 गीगावाट की मांग का अनुमान लगाया है, जो एक साल पहले इसी महीने में दर्ज हुई 215.88 गीगावाट की मांग से अधिक है।
कदम
ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली की मांग को लेकर उठाए कई कदम
केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली की अधिक मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों की इकाइयों को बिजली कटौती के साथ-साथ लोड शेडिंग से बचने के लिए कहा है।
इसके अलावा मंत्रालय ने सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 16 मार्च, 2023 से 15 जून, 2023 तक पूरी क्षमता से चलाने का निर्देश भी दिया है, जिससे किसी भी राज्य में बिजली संकट उत्पन्न ना हो।
रिपोर्ट
भारत में जल्द बर्दाश्त की सीमा से बाहर हो सकती है गर्मी- विश्व बैंक
पिछले साल दिसंबर में सामने आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में पिछले कुछ दशकों में लू का प्रकोप चिंताजनक गति से बढ़ा है।
इसके अलावा भारत जल्द भीषण गर्म हवाओं का सामना करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा और इनमें गर्मी इंसान की बर्दाश्त की सीमा से बाहर होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक गर्मी का सामना कर रहा है।