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दिल्ली: कम नहीं हो रहा प्रदूषण, नवंबर में 11वीं बार 'गंभीर श्रेणी' में पहुंची हवा
दिल्ली वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बरकरार

दिल्ली: कम नहीं हो रहा प्रदूषण, नवंबर में 11वीं बार 'गंभीर श्रेणी' में पहुंची हवा

लेखन महिमा
Nov 25, 2023
11:01 am

क्या है खबर?

दिल्ली में शनिवार को भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में दर्ज हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 दर्ज किया गया। शुक्रवार शाम 4 बजे AQI 415 था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यदि दिन के अंत तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से ऊपर रहता है तो यह नवंबर में 11 वीं बार होगा, जब हवा 'गंभीर श्रेणी' में रहेगी।

इलाकों 

दिल्ली के 12 इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में हुई दर्ज 

राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधित चिंताएं बढ़ गई हैं। आज सुबह 6 बजे दिल्ली के बवाना में AQI 466, आनंद विहार में 458, अशोक विहार में 441, द्वारका सेक्टर-8 में 438, रोहिणी में 472, वजीरपुर में 462, पंजाबी बाग में 461, ओखला फेज-2 में 440, विवेक विहार में 470, पटपड़गंज में 463, पूसा में 409 और बुराड़ी में 427 दर्ज किया गया।

जानकारी

दिल्ली के आसपास के इलाकों में कैसा रही वायु गुणवत्ता?

शनिवार को दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' दर्ज की गई। गाजियाबाद में AQI 424, गुरुग्राम में 345, ग्रेटर नोएडा में 398, नोएडा में 393 और फरीदाबाद में 426 दर्ज किया गया।

गंभीर श्रेणी

नवंबर में 11 दिन 'गंभीर श्रेणी' में रही हवा की गुणवत्ता

CPCB के अनुसार, दिल्ली में इस महीने 11वीं AQI 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया और ये 400 के पार रहा। इससे पहले नवंबर, 2020 में ऐसे 9 दिन, 2019 में 7 दिन, 2018 में 5 दिन, 2017 में 7 दिन, 2016 में 10 दिन और 2015 में 6 दिन वायु गुणवत्ता को 'गंभीर श्रेणी' में दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार, 27 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण यहां हल्की बारिश हुई तो प्रदूषण से राहत मिलेगी।

कारण 

दिल्ली में क्यों बढ़ रहा प्रदूषण?

दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली है। इससे उठने वाले धुंए की वजह से दिल्ली की हवा का स्तर खराब होता है। इसके अलावा शहर में वाहनों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक के बाद कहा कि 36 प्रतिशत वाहनों और 31 प्रतिशत बायोमास बर्निंग के कारण प्रदूषण हो रहा है।

कदम 

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए?

दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू है। इसके तहत BS-3 और BS-4 इंजन वाले वाहनों पर प्रतिबंध लागू रहेगा। रेलवे, मेट्रो और एयरपोर्ट से संबंधित परियोजनाओं को छोड़कर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। खनन से जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी। दिल्ली सरकार ने नियमों को लागू करने और प्रदूषण की निगरानी में सहायता के लिए एक विशेष कार्य बल (STF) का गठन किया गया है।