उत्तराखंड सुरंग हादसा: मशीन में आई खराबी से काम रुका, अंतिम चरण में है बचाव अभियान
क्या है खबर?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के अभियान में एक और बाधा आ गई। शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन से कोई धातु की चीज टकराने के कारण ड्रिलिंग का कार्य रोकना पड़ा।
सुरंग में अब तक 46.8 मीटर तक ड्रिलिंग कर दी गई है, लेकिन यहां कभी सरिया तो कभी कोई पत्थर बचाव टीम के लिए बाधा पैदा कर रहे हैं।
ऐसे में बचाव टीम अब मैनुअल ड्रिलिंग पर विचार कर रही है।
बयान
मशीन से सामने सरिया आने से रोकी गई ड्रिलिंग- अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए केवल 10-12 मीटर की ड्रिलिंग बाकी थी, लेकिन अवरोधों के कारण ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ रहा है।
नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा, "इस बार मलबे में 25 मिमी का सरिया और लोहे की पाइप ड्रिलिंग में बाधा बने हैं। इन्हें गैस कटर से हटाने का काम किया जा रहा है और अब मैनुअल ड्रिलिंग भी की जा सकती है।"
अधिकारी
ड्रिलिंग मशीन के सामने बार-बार आ रही बाधा- MORTH
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग में 46.8 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, लेकिन बार-बार ड्रिलिंग के काम में बार-बार बाधा आ रही है।
उन्होंने कहा, "पहले भी मशीन एक धातु के पाइप से टकरा गई थी और 2 विशेषज्ञों ने इस पाइप को काटा और दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन फिर मशीन के सामने एक सरिया आ गया और मशीन ने फिर काम करना बंद कर दिया।"
विचार
अधिकारी बोले- अब 2 योजनाओं पर चल रहा है विचार
अधिकारियों का कहना है कि मैनुअल ड्रिलिंग में थोड़ा समय लग सकता है और सुरंग के अंदर फंसे मजदूर भी बचाव अभियान में खेवनहार बन सकते हैं, इसलिए 2 योजनाओं पर विचार चल रहा है।
उन्होंने बताया कि अब इस बात पर विचार शुरू हो गया कि क्यों न फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से 9 मीटर मलबा हटवा दिया जाए और दूसरा विचार ये है कि बचावकर्मी मैनुअली सुरंग से मलबा हटाना शुरू करें।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी और केंद्रीय मंत्री ने उत्तरकाशी में डाला डेरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह भी बचाव कार्यों की देखरेख के लिए उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए हैं।
राजकीय कार्यों के मद्देनजर मुख्यमंत्री का मातली में अस्थायी कैंप कार्यालय बनाया गया है और मुख्यमंत्री धामी कैंप कार्यालय से ही अपना सारा कामकाज देख रहे हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा पहुंचकर बचाव अभियान की जुटे अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
ड्रिल
NDRF की 15 सदस्यीय टीम ने की मॉक ड्रिल
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 15 सदस्यीय टीम ने साइट पर मजदूरों को बचाने लिए एक मॉक ड्रिल की।
अधिकारियों ने बताया कि NDRF की टीम 800 मिमी की पाइप से अंदर जाएगी और मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकालेगी।
उन्होंने कहा कि सुरंग के प्रवेश द्वार पर 41 एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर हैं, जो मजदूरों को चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने के लिए तैयार हैं और यहां उनके लिए सभी चिकित्सा व्यवस्थाएं की गई हैं।
मजदूर
पिछले 14 दिनों से सुरंग में फंसे हैं मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए।
इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए के लिए अलग-अलग राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री धामी से लगातार बचाव अभियान की जानकारी ले रहे हैं।
यह निर्माणाधीन सुरंग चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है।