दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, वायु प्रदूषण 'गंभीर' स्तर पर पहुंचा
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया है। गुरुवार सुबह धुंध की चादर से शहर ढका रहा। अधिकतर इलाकों में वायु प्रदूषण सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज हुआ है। सबसे खराब स्थिति आनंद विहार और पटपड़गंज में रही, जहां AQI 473 और 472 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण का बड़ा कारण पराली और वाहनों के धुएं को बताया जा रहा है। दिल्ली में दिवाली से अब तकAQI 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा है।
किन इलाकों में कितना रहा वायु प्रदूषण का स्तर?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आनंद विहार में AQI 473, अलीपुर में 424, आया नगर में 424, अशोक विहार में 471, चांदनी चौक में 405, द्वारका सेक्टर-8 में 457, जहांगीरपुरी में 470, नरेला में 440, नेहरू नगर में 462 पटपड़गंज में 472, ओखला फेज-2 में 441, पंजाबी बाग में 459, आरके पुरम में 457, पूसा में 408, रोहिणी में 453, शादीपुर में 430, वजीरपुर में 467, सोनिया विहार में 448 और सिरीफोर्ट में 440 दर्ज किया गया।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर
क्यों बढ़ रहा दिल्ली का प्रदूषण?
दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण पराली जलाने से निकलने वाला धुआं और वाहनों का उत्सर्जन बताया जा रहा है। सिर्फ वाहनों का उत्सर्जन प्रदूषण में 15.4 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में ठंड बढ़ने और कोहरे की वजह से धूल के खतरनाक कण हवा में ऊपर नहीं जा पा रहे हैं, जिससे धुंध की चादर शहर को ढके है। हवा में खतरनाक कण (PM) 2.5 और 10 का स्तर अधिक रहा।
AQI 400 पार बने रहने पर लागू होगा प्रतिबंध
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) 2 के तहत प्रतिबंध लागू है। अगर औसत AQI 400 के ऊपर बना रहता है तो GRAP 3 के तहत पाबंदियां लागू की जाती है। GRAP-3 के तहत पाबंदियों में काफी सख्ती की जाएगी। बता दें कि वायु प्रदूषण की स्थिति में 0-50 AQI को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 200-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब', 401-450 को 'गंभीर' और 450-500 को 'अति गंभीर' माना जाता है।