बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान 'हामून', ओडिशा में अलर्ट पर सभी जिला कलेक्टर
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव का क्षेत्र अगले 12 घंटों में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि इस तूफान को 'हामून' नाम दिया गया है। इसकी वजह से ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के तटीय इलाकों में बारिश हो सकती है। ओडिशा सरकार ने जिला कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा है।
अभी कहां है तूफान?
IMD के मुताबिक, 22 अक्टूबर की रात से ये उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ रहा है। 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे ये पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पारादीप से लगभग 360 किलोमीटर, बांग्लादेश के खेपुपारा से लगभग 660 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 510 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। अगले 3 दिन में इसके बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल तटों तथा उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ बढ़ने का अनुमान है।
ओडिशा में तटीय इलाकों से लोगों को हटाने के आदेश
ओडिशा की सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। प्रशासन को भारी बारिश की स्थिति में निचले इलाकों से लोगों को निकालने का भी निर्देश दिया है। मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी है। राज्य के तटीय जिलों में अगले 2 दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
ओडिशा तट से 200 किलोमीटर दूर रहेगा तूफान
IMD के मुताबिक, तूफान धीरे-धीरे उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा। 25 अक्टूबर की शाम तक ये आसपास खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार कर सकता है। हालांकि, तूफान के ओडिशा तट से टकराने की संभावना न के बराबर है और ये तट से करीब 200 किलोमीटर दूर रहेगा। इसके प्रभाव से तटीय ओडिशा में कुछ स्थानों पर हल्की और कुछ जगहों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है।
तूफान 'तेज' का खतरा टला
अरब सागर में भी 'तेज' नाम का तूफान उठा था, जिसके पहले गुजरात तट से टकराने की संभावना थी। हालांकि, अब इसका खतरा टल गया है और ये तूफान ओमान और यमन की तरफ बढ़ गया है। IMD के मुताबिक, 'तेज' 25 अक्टूबर की सुबह अल गैदाह (यमन) और सलालाह (ओमान) से होकर यमन-ओमान के तटीय इलाकों को पार करेगा। इस दौरान तूफान की तीव्रता भी कम हो सकती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारतीय हिन्द महासागर क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों का नाम रखने के लिए एक फॉर्मूला निर्धारित है। इस क्षेत्र के चक्रवातों के नाम 13 देशों द्वारा बारी-बारी से रखे जाते हैं। इनमें भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, सऊदी अरब, UAE और यमन हैं। 25 सालों तक के लिए चक्रवातों के नाम की सूची तैयार है और भारत की तरफ से प्रस्तावित तूफानों के नाम गति, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग हैं।