बालासोर हादसे से पहले दी गई थी बड़ी दुर्घटना की चेतावनी, रेल मंत्रालय ने की नजरअंदाज
क्या है खबर?
ओडिशा के बालासोर में हुआ भीषण ट्रेन हादसा सिग्नल के इंटरलॉकिंग सिस्टम में आई खामी के कारण हुआ था। इसी तरह फरवरी में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के साथ भी एक ऐसी ही घटना हुई थी, लेकिन चालक ने इसे पहचाना और ट्रेन को रोक दिया।
घटना के बाद दक्षिण-पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक हरि शंकर वर्मा एक पत्र लिखकर रेल मंत्रालय को चेतावनी भी दी थी, जिसे अनदेखा किया गया।
इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं।
क्या हुआ था?
फरवरी में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के साथ क्या हुआ?
रेलवे के आंतरिक पत्र के अनुसार, 8 फरवरी को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को कर्नाटक के होसदुर्गा रोड स्टेशन पर सिग्नल सिस्टम में आई एक गंभीर समस्या का करना पड़ा।
ट्रेन का प्वाइंट मेन लाइन से डाउन लाइन की ओर सेट था, जहां एक मालगाड़ी थी। उस वक्त चालक सतर्क था और एक बड़ी दुर्घटना को टालते हुए उसने ट्रेन को रोक दिया।
इसके बाद ही दक्षिण-पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक ने पत्र लिखकर विभाग को चेताया था।
जानकारी
पत्र में मुख्य परिचालन प्रबंधक ने क्या कहा?
दक्षिण-पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक ने अपने पत्र में लिखा था, "अगर सिग्नल के इंटरलॉकिंग सिस्टम की निगरानी नहीं की गई और तुरंत इसकी खामियों में सुधार नहीं किया गया तो कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती है।"
सिस्टम
रेलवे अधिकारियों ने क्या कहा?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों का कहना कि संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से साथ हुई घटना से संकेत मिलता है कि सिस्टम में गंभीर खामी है, जिससे ट्रेन के सिग्नल पर चलने के बाद डिस्पैच के रूट में बदलाव हो जाता है, लेकिन सिग्नल मेंटेनर के पैनल में रूट सही दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि यह रेलवे में मौजूद इंटरलॉकिंग सिस्टम और बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है।
आरोप
TMC ने उठाए कार्रवाई न होने पर सवाल
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि रविवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना को लेकर कांग्रेस ने एक पत्र साझा किया था, जिसमें सिस्टम की खामियों को लेकर पूर्व में ही चेताया गया था।
उन्होंने कहा, "रेलवे ने सिस्टम में खामियों की चेतावनी वाले इस पत्र की उपेक्षा क्यों की गई, जहां इंटरलॉकिंग विफलता के कारण एक यात्री और मालगाड़ी के बीच दुर्घटना से जानमाल का नुकसान हो सकता था?"
कांग्रेस
कांग्रेस ने की रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बालासोर में हुए रेल हादसे को लेकर सरकार से सवाल किये हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे में 3 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, लेकिन पिछले 9 सालों में इन्हें नहीं भरा गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विज्ञापनों के जरिये रेलवे की छवि चमकाने में व्यस्त है, जबकि इसकी जमीनी हकीकत उलट है। उन्होंने हादसे के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
हादसा
बालासोर में क्या हुआ था?
2 मई की शाम हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन से करीब 300 मीटर पहले पटरी से उतर गई थी। इसका इंजन दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया और पीछे की कुछ बोगियां विपरीत दिशा के ट्रैक पर चली गईं।
इस ट्रैक पर हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस आ रही थी, जिसके पिछले डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गए।
इस भीषण दुर्घटना में 275 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,100 लोग घायल हुए हैं।