मुंबई: मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे थे 'पांचवीं पास डॉक्टर', छह गिरफ्तार
डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है और लोग बीमार होने पर इसी उम्मीद से उनके पास जाते हैं कि वह उन्हें स्वस्थ कर देंगे। इसी आस्था और विश्वास का फायदा उठाकर कुछ लोग न केवल कमाई करने में जुटे हैं बल्कि उनके स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही मामला मुंबई में सामने आया है, जहां क्राइम ब्रांच की टीम ने 'मुन्नाभाई MBBS' फिल्म की तर्ज पर फर्जी डॉक्टर बने छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
सूचना का सत्यापन कर की कार्रवाई
क्राइब ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पूर्वी मुंबई के गोवंडी क्षेत्र में झुग्गियों के पास फर्जी डॉक्टरों के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इस पर शाखा के एक कर्मचारी को मरीज के रूप में भेजकर सूचना का सत्यापन किया और फिर छह अलग-अलग जगहों पर छापे मारकर फर्जी डॉक्टर बने छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें शिवाजी नगर पुलिस को सौंपा गया। सभी आरोपियों को न्यायालय से पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।
गिरफ्तार आरोपी वॉर्ड बॉय बनने के भी योग्य नहीं
गिरफ्तार किये गए आरोपी डॉक्टर तो दूर, अस्पतालों में वॉर्ड बॉय भी बनने के योग्य नहीं हैं। पूछताछ में सामने आया कि छह में से दो फर्जी चिकित्सकों ने तो महज पांचवी कक्षा तक ही पढ़ाई की है।
क्राइम ब्रांच ने इन्हें किया गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी 11वीं पास मुकुल अमर किशनदास (34 वर्ष), 12वीं पास कमरुद्दीन मारूफी (51 वर्ष), आठवीं पास किश्मत शाह, छठी पास तैयब चौधरी (60 वर्ष) है। इसी प्रकार मकसूद अंसारी (42 वर्ष) और मुख्तार अली (45 वर्ष) महज पांचवीं तक ही पढ़े हुए हैं। इसके बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था। खास बात यह है कि किसी भी आरोपी के पास औपचारिक शिक्षा या चिकित्सा से संबंधित कोई भी प्रमाण पत्र नहीं था।
आरोपियों ने किया क्राइम ब्रांच को गुमराह करने का प्रयास
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने उन्हें फर्जी दस्तावेज दिखाकर गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों ने उनके दस्तावेजों को फर्जी बताते हुए सख्ती से पूछताछ करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास चिकित्सक की कोई भी डिग्री नहीं है। वह सामान्य जानकारी के अनुसार मरीजों को सर्दी-जुकाम, बुखार और उल्टी-दस्त की दवाइयां दे दते थे।
पिछले दस महीने से चल रही है कार्रवाई
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार मुंबई के झुग्गी बस्ती क्षेत्रों में लंबे समय से बिना डिग्री के चिकित्सालय संचालित होने और फर्जी डॉक्टारों द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की सूचना मिल रही थी। इसको लेकर गत वर्ष कार्रवाई शुरू की गई थी। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं। ब्रांच की विभिन्न टीम की ओर से पिछले दस महीनों में कार्रवाई करते हुए 19 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
चिकित्सा विभाग की ओर से भी चलाए जाते हैं अभियान
देश में फर्जी डॉक्टरों के सक्रिय होने से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। यही कारण है कि चिकित्सा विभाग की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरे देश में अभियान चलाया जाता है। पिछले कई सालों में चिकित्सा विभाग की ओर से कई छोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई ऐसे प्रयोगशालाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है, जो बिना किसी डिग्री के मरीजों का उपचार कर रहे थे।