JNU की दीवारों पर फिर लिखे गए विवादित नारे; कश्मीर, भगवा और प्रधानमंत्री पर टिप्पणी
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर विवादित नारें लिखे जाने का मामला सामने आया है। परिसर की एक इमारत पर भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कश्मीर, CAA-NRC और भगवा को लेकर आपत्तिजनक नारे लिखे गए हैं। हालांकि, इस घटना के पीछे किसका हाथ है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। JNU प्रशासन की ओर से भी इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
दीवारों पर किस तरह के नारे लिखे गए?
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि 'फ्री कश्मीर' और 'भगवा जलेगा' जैसी आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। कुछ दीवारों पर CAA-NRC लिख उसके ऊपर क्रॉस किया गया है। फर्श पर नीले रंग से 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' लिखा गया है, जिसे लाल रंग से पोत दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी नारे JNU कैंपस में स्थित स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर लिखे गए हैं।
घटना को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
घटना पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, "देश में अभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लाने की बात हो रही है और यह अपने कश्मीर की आजादी की बात कर रहे हैं। पता नहीं किस गलतफहमी में यह लोग जीते हैं।" केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "राहुल गांधी टुकड़े-टुकड़े गैंग को बढ़ावा देने के लिए JNU जाते रहते हैं और उन्हीं के इशारे पर देश को जलाने की यह सब साजिशें होती रहती हैं।"
पहले लिखे गए थे ब्राह्मण विरोधी नारे
पिछले साल दिसंबर में JNU की दीवारों पर ब्राह्मण विरोध नारे लिखे गए थे। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर 'ब्राह्मण परिसर छोड़ो', 'रक्तपात होगा', 'ब्राह्मण भारत छोड़ो', 'ब्राह्मणों और बनियों, हम आ रहे हैं, हम बदला लेंगे', 'शाखा वापस जाओ' जैसे कई नारे लिखे गए थे। अप्रैल, 2023 में राम नवमी के अवसर पर हिंदू सेना के छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर भगवा झंडे और 'भगवा JNU' लिखे हुए कुछ पोस्टर लगा दिए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
JNU की गिनती देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों में होती है। यहां से वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत बनर्जी समेत कई नामचीन हस्तियों ने पढ़ाई की है। इसकी स्थापना 1969 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।JNU को 2017 में भारत के राष्ट्रपति से सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का पुरस्कार भी मिला था।