उत्तर प्रदेश: स्कूल में दो चोटी बनाकर नहीं आई छात्रा, प्रिंसिपल ने काट दिए बाल
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के नवाबगंज में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिस पर शायद आपको यकीन न हो। यहां एक नौवीं कक्षा की छात्रा के दो चोटी बनाकर न आने पर स्कूल के प्रिंसिपल उसे जबरदस्ती एक कमरे में ले गए और फिर उसके बाल काट दिए। इसके बाद छात्रा ने पुलिस थाने में प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज की और चेतावनी दी कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर वो खुदकुशी कर लेगी।
क्या है पूरा मामला?
नवाबगंज इलाके के गांव कोकापुर स्थित एक स्कूल में सभी लड़कियों के लिए दो चोटी बनाना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में छात्रा एक दिन एक चोटी बांधकर स्कूल चली गई। इस बात पर गुस्साए प्रिंसिपल सुमित यादव ने जबरदस्ती छात्रा को एक कमरे में बंद कर दिए। छात्रा का आरोप है कि उसके मना करने के बावजूद प्रिंसिपल ने उसके बाल काट दिए और यौन शोषण का प्रयास किया। इस बात से छात्रा पर बुरा असर हुआ है।
छात्रा ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
ETV भारत के अनुसार, छात्रा ने अपने परिवार के साथ अतिरिक्त जिलाधिकारी (ADM) सुभाष चंद्र प्रजापति से मुलाकात की और मामले में प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। छात्रा का आरोप है कि प्रिंसिपल ने पहले भी दूसरी लड़कियों के बाल काटे थे और वह छात्राओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करके मारते-पीटते हैं। इतना ही नहीं, छात्रा ने यह चेतावनी भी दी कि अगर आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वह खुदकुशी कर लेगी।
छात्रा ने लगाया यह भी आरोप
छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि यह स्कूल कक्षा 8 तक की मान्यता प्राप्त है और इसमें अवैध रूप से कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं की कक्षाएं संचालित की जाती हैं।
आरोपी के खिलाफ POCSO अधिनियम और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज
शिकायत के आधार पर स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मेरापुर थाना निरीक्षक दिग्विजय सिंह ने कहा, "आरोपी प्रिंसिपल सुमित यादव के खिलाफ हमने IPC की धारा 354-A (अवांछित और स्पष्ट यौन संबंधों से जुड़े शारीरिक संपर्क) और 342 (गलत कारावास) और POCSO अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।"
आरोपी प्रिंसिपल की तालाश जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी प्रिंसिपल फिलहाल फरार है और उसका पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। मामले में आगे की जांच जारी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
बच्चों के खिलाफ यौन अपराध रोकने के लिए साल 2012 में बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (POCSO) अधिनियम बनाया गया था। बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों और छेड़छाड़ के मामलों में इस कानून के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत सभी अपराधों की सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा बच्चे के माता-पिता की मौजूदगी में होती है। इस कानून में अलग-अलग प्रावधानों के तहत अलग-अलग सजाएं तय की गई हैं।